आज-कल कहने के लिए सब अपने हैं।
सिर्फ अपनों के होने से कुछ नहीं होता बल्कि उन अपनों में अपनेपन का एहसास भी होना बहुत जरूरी है आजकल हम लोग रिश्ते इस तरीके से बनाते हैं जब तक काम हो उनका उसके बाद वह आपको छोड़ कर चले जाते हैं जीवन में अधिकतम हमने ऐसा ही देखा है शायद ऐसा मेरे साथ हुआ है ओर शायद आपके साथ भी हुआ होगा। हम लोग जिंदगी में सिर्फ एक ही गलती करते हैं और वह है भरोसा हम सस्ते लोगों पर भरोसा कर बैठते हैं जिस प्रकार हम कपड़े ब्रांडेड पहनते हैं ना उसी प्रकार रिश्ते भी ब्रांडेड ही बनाई है उनकी टिकने की गुंजाइश ज्यादा होगी।
"चाहना आसान है पर चाहते रहना कठिन है।"
और चलते चलते आज का अनमोल विचार
सच सूरज की तरह है.
आप उस पर कुछ देर के लिए पर्दा डाल सकते हैं
पर वह कहीं जाने वाला नहीं ।
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अपनी दो ही चीजें है, एक ईश्वर, दूसरा हमारा कर्म !!
अगर विश्वास नहीं है तो आजमा के देख लो !
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अगर आप सच बोलते हैं
तो आपको कुछ याद रखने की
ज़रुरत नहीं रहती ।
आपका सवाई सिंह राजपुरोहित एस.एम सीरीज 3 से
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