सवागत है

आपका "आज का आगरा" ब्लॉग पर सवागत है यह ब्लॉग मेरे मम्मी-पापा को समर्पित!..."वन्दे मातरम्" .सवाई सिंह

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गुरुवार, जून 1

सफलता

 हेलो दोस्तों काफी समय बाद एक बार फिर से ब्लॉग पर आया हूं आज के अनमोल विचार सफलता के ऊपर है सफलता का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है अगर जीवन में हमें सफलता मिलती रहे बिना रुकावट तो हम ऊपर वाले को शायद हम कभी याद भी ना करें। इसीलिए कभी-कभी जीवन में हमें असफलता मिलती है तो निराश मत होइए आप भगवान का स्मरण करना शुरू कर दीजिए सफलता तो  आपके हाथों आ जाएगी कहते हैं जिंदगी में हार और जीत तो लगी रहती है ओर इसी का नाम तो जिंदगी है इसीलिए कभी हमें सफलता मिलती है कभी असफलता तो निराश मत होइए सिर्फ ऊपर वाले को याद कीजिए वह आपकी सारी रुकावटें हटा देंगे जय श्री राधे .....आपका शौर्य प्रताप सिंह उर्फ सवाई सिह राजपुरोहित 

सफलता मन की शीतलता से उत्पन्न होती है,

ठंडा लोहा ही गर्म लोहे को काट व मोड़ सकता है !

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सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है पर,

उससे जरुरी है अपनी असफलता से सीख लेना !!

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कमजोर लोग तब रुकते है जब वे थक जाते है,
और विजेता तब रुकते है जब वे जित जाते है !!
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लक्ष्य पर आधे रस्ते तक जाकर कभी वापस न लौटे,
क्यूंकि वापस लौटने पर भी आधा रास्ता पार करना पड़ेगा !!

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अपने जीवन में असफलता को मार्ग का 
एक मोड़ समझना चाहिए,
ना की यात्रा की समाप्ति !

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संभव और असंभव के बीच की दुरी,
व्यक्ति के निश्चय पर निर्भर करती है !!
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जो व्यक्ति अपनी गलतियों के लिए 
खुद से लड़ता है,
उसे कोई भी हरा नहीं सकता !!

अगले क्रम में और पढ़ेंगे सफलता पर कुछ और विचार.....


गुरुवार, मार्च 9

दूसरों को क्षमा करें...

 दूसरों को क्षमा करें भले ही किसी ने माफ़ी ना भी मांगी हो...उनका व्यवहार उनकी जागरूकता, संस्करण के स्तर पर निर्भर करता है... उन्हे माफ कर दो.

इसलिए नहीं कि वे इसके लायक हैं। बल्कि इसलिए क्योंकि आप शांति के पात्र हैं।उन्हे माफ कर दो, लेकिन उनसे मिली सीख को याद रखो नाराज़गी के बोझ को जाने दो, क्षमा के हल्केपन को अपने अंदर विस्तृत होने दो।



शुक्रवार, दिसंबर 16

"रिश्ते" आज-कल कहने के लिए सब अपने हैं।

आज-कल कहने के लिए सब अपने हैं।

सिर्फ अपनों के होने से कुछ नहीं होता बल्कि उन अपनों में अपनेपन का एहसास भी होना बहुत जरूरी है आजकल हम लोग रिश्ते इस तरीके से बनाते हैं जब तक काम हो उनका उसके बाद वह आपको छोड़ कर चले जाते हैं जीवन में अधिकतम हमने ऐसा ही देखा है शायद ऐसा मेरे साथ हुआ है ओर शायद आपके साथ भी हुआ होगा। हम लोग जिंदगी में सिर्फ एक ही गलती करते हैं और वह है भरोसा हम सस्ते लोगों पर भरोसा कर बैठते हैं जिस प्रकार हम कपड़े ब्रांडेड पहनते हैं ना उसी प्रकार रिश्ते भी ब्रांडेड ही बनाई है उनकी टिकने की गुंजाइश ज्यादा होगी।

"चाहना आसान है पर चाहते रहना कठिन है।"

अकेलेपन का डर उसी को होगा जो कभी अकेला नहीं रहा होगा । जनाब उनको हम बता देना चाहते हैं कि मेरी एक चौथाई जिंदगी अकेलेपन में ही निकल गए। अब तो हमें किसी के साथ से डर लगता है अकेलेपन से नहीं। मेरा मानना है कि रोज-रोज किसी चीज के लिए अपने आपको परेशान करने से अच्छा है कुछ दिन उस चीज के लिए परेशान हो जाए ताकि बाद में हम उसे भूल सके। हमारी जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आते हैं जब हमारे प्रिय हमें छोड़ कर चले जाते हैं और हम उनका शौक बनाते हैं हालांकि ऐसा करना थोड़ा कठिन जरूर होता है पर नामुमकिन नहीं आप ट्राई करिए ऐसा जरूर कर पाएंगे । 
आज के लिए इतना ही फिर मिलता हूं रिश्ते की अगली कड़ी के साथ... 

और चलते चलते आज का अनमोल विचार 

सच सूरज की तरह है.

आप उस पर कुछ देर के लिए पर्दा डाल सकते हैं

पर वह कहीं जाने वाला नहीं ।

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अपनी दो ही चीजें है,  एक ईश्वर,  दूसरा हमारा कर्म !!

अगर विश्वास नहीं है तो आजमा के देख लो !

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अगर आप सच बोलते हैं

तो आपको कुछ याद रखने की

ज़रुरत नहीं रहती ।

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित एस.एम सीरीज 3 से


गुरुवार, दिसंबर 15

स्माइल प्लीज - स्माइल प्लीज 🤗

1, इंसान रोता हुआ भले ही पैदा हो, पर जीवन की धन्यता इसी में हैं कि वह हँसता हुआ धरती से जाए। हम हँसे और दुनिया रोए, यह कबीर की वाणी हैं। हम रोएँ और दुनिया हँसे यह जीते-जी मरने के समान हैं।
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2, दिन मे कम-से-कम तीन बार खुलकर हँसिए। दिन में दस बार उन्मुक्त हँसी हँसने वाले जिंदगी में कभी डिप्रेशन और हार्ट-अटैक के शिकार नहीं हो सकते। 

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3, एक मिनट तक खुलकर हँसने से दिमाग की हर कोशिका का व्यायाम हो जाता हैं, वाणी में मिठास घुल जाती हैं और व्यवहार में मोहब्बत।

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4, बिना किसी वजह के हँसना साहस का काम हैं, जबकि बिना वजह के रोना बेवकूफी का। अगर आप क्रोध, चिंता या तनाव से परेशान हैं तो हँसना शुरू कीजिए। प्रकाश जितना बटोरेंगे अंधेरा उतना ही दूर होता जाएगा।

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5, क्रोध, चिंता और ईष्र्या हमारी नैसर्गिक हँसी के शत्रु हैं। हर विपरीत बात को धैर्य और सहजता से लीजिए। शत्रुघ्न होकर ही आप सफलता की इबारत लिख सकते हैं।

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साभार- संबोधि टाइम्स, 
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सवाई सिंह राजपुरोहित (आगरा)
मीडिया प्रभारी 
सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर
www.rajpurohitsamaj-s.blogspot.in

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