आजकल हमारे युवा भाई बहन अपनी सफलता से पहले ही हार मान लेते हैं आप लोगों को प्रयास जरूर करना चाहिए क्योंकि हमेशा उसके परिणाम तो दो चीजें मिलेगी या तो हमें सफलता मिलेगी या फिर कोई नई सीख अगर सफलता मिली तो और भी अच्छी बात है नहीं तो सीख तो जरूर मिलेगी है जो हमारे आगे के लिए बहुत ही उपयोगी सिद्ध होगी और आज का अनमोल विचार उन्हीं पर आधारित है
सफलता की ख़ुशी मनाना अच्छा है पर,
उससे जरुरी है अपनी असफलता से सीख लेना !!
खुद से हार गया तो बात अलग है, तकदीर के आगे झुकने वाला नहीं हूं… मुसीबतों को कहो अपनी रफ़्तार बढ़ा ले क्योंकि अब मैं रुकने वाला नहीं हूं।
जिसमे धीरज है और जो महेनत से नहीं घबराता,
कामयाबी उसकी दासी है !!
बहुत सुन्दर और सटीक।
जवाब देंहटाएंBatwara dhanyvad Sir ji
हटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मीना जी मैं जरूर चर्चा मंच के उस पोस्ट पर आऊंगा
जवाब देंहटाएंजिसमे धीरज है और जो महेनत से नहीं घबराता,
जवाब देंहटाएंकामयाबी उसकी दासी है !!
सत्य वचन,सादर नमन आपको सर
आदरणीय कामिनी जी इसमें समर्थन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंसुंदर सीख
जवाब देंहटाएंआदरणीय अनीता जी बहुत-बहुत धन्यवाद blog पधारने के लिए
हटाएंबहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सर ji
हटाएंसुंदर और सार्थक विचार ।
जवाब देंहटाएंसकारात्मक उर्जा देती पोस्ट।
बहुत-बहुत आभार और इस उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंसकारात्मक विचार हमेशा ऊर्जा देते है।
जवाब देंहटाएंबहुत ही सुंदर विचार।
सादर
आदरणीय अनीता जी ब्लॉग पर पधारने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद
हटाएंसुंदर संदेश और सत्य वचन, बहुत अच्छी पोस्ट, बधाई हो
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर पधारने के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और उत्साहवर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय ज्योति जी
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