आज का अनमोल विचार
" प्रेम चाहिए तो समर्पण खर्च करना होगा,
विश्वास चाहिए तो निष्ठा खर्च करनी होगी,
साथ चाहिए तो समय खर्च करना होगा,
मुफ्त मे तो हवा भी नही मिलती यहां, एक सांस छोड़ो तो..
तभी एक सांस मिलती है "
[hi="yellow"] टिप्पणी के कुछ हिस्से को हाईलाईट करने के लिए ये कोड [/hi]
आप उपरोक्त सभी प्रकार के उदाहरण देखने के लिए यहाँ पर कलिक करें |
सादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कलरविवार (9-1-22) को "वो अमृता... जिसे हम अंडरएस्टीमेट करते रहे"'(चर्चा अंक-4304)पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है..आप की उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी .
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कामिनी सिन्हा
Thank you so much Kamini ji
हटाएंबिल्कुल सही कहा आपने सर!
जवाब देंहटाएंबेहतरीन सृजन..!
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय मनीषा जी
हटाएंसार्थक संदेश! हार्दिक साधुवाद!--ब्रजेंद्रनाथ
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद सर जी
हटाएंकुछ ही लफ़्ज़ों में सागर समेट लिया आपने।
जवाब देंहटाएंअभिनव शैली।
सुंदर।
बहुत-बहुत धन्यवाद
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