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आपका "आज का आगरा" ब्लॉग पर सवागत है यह ब्लॉग मेरे मम्मी-पापा को समर्पित!..."वन्दे मातरम्" .सवाई सिंह

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गुरुवार, फ़रवरी 14

Shukriya aur Anmol vichar part 2

अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आती है।-जयशंकर प्रसाद

अध्यापक राष्ट्र की संस्कृति के चतुर माली होते हैं। वे संस्कारों की जड़ों में खाद देते हैं और अपने श्रम से उन्हें सींच-सींच कर महाप्राण शक्तियाँ बनाते हैं।- महर्षि अरविंद

जंज़ीरें, जंज़ीरें ही हैं, चाहे वे लोहे की हों या सोने की, वे समान रूप से तुम्हें गुलाम बनाती हैं।- स्वामी रामतीर्थ

जैसे अंधे के लिए जगत अंधकारमय है और आँखों वाले के लिए प्रकाशमय है वैसे ही अज्ञानी के लिए जगत दुखदायक है और ज्ञानी के लिए आनंदमय।- संपूर्णानंद

नम्रता और मीठे वचन ही मनुष्य के आभूषण होते हैं। शेष सब नाममात्र के भूषण हैं। - संत तिरुवल्लुर
वही उन्नति करता है जो स्वयं अपने को उपदेश देता है।- स्वामी रामतीर्थ

अपने विषय में कुछ कहना प्राय: बहुत कठिन हो जाता है क्यों कि अपने दोष देखना आपको अप्रिय लगता है और उनको अनदेखा करना औरों को।- महादेवी वर्मा

करुणा में शीतल अग्नि होती है जो क्रूर से क्रूर व्यक्ति का हृदय भी आर्द्र कर देती है।- सुदर्शन

हताश न होना ही सफलता का मूल है और यही परम सुख है।- वाल्मीकि

मित्रों का उपहास करना उनके पावन प्रेम को खंडित करना है।- राम प्रताप त्रिपाठी

मुस्कान थके हुए के लिए विश्राम है, उदास के लिए दिन का प्रकाश है तथा कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोत्तम उपहार है। - अज्ञात

वाणी चाँदी है, मौन सोना है, वाणी पार्थिव है पर मौन दिव्य।– कहावत

धन उत्तम कर्मों से उत्पन्न होता है, प्रगल्भता (साहस, योग्यता व दृढ़ निश्चय) से बढ़ता है, चतुराई से फलता फूलता है और संयम से सुरक्षित होता है। - विदुर

दूसरों पर किए गए व्यंग्य पर हम हँसते हैं पर अपने ऊपर किए गए व्यंग्य पर रोना तक भूल जाते हैं।- रामचंद्र शुक्ल

सत्याग्रह बलप्रयोग के विपरीत होता है। हिंसा के संपूर्ण त्याग में ही सत्याग्रह की कल्पना की गई है।- महात्मा गांधी

मुठ्ठी भर संकल्पवान लोग जिनकी अपने लक्ष्य में दृढ़ आस्था है, इतिहास की धारा को बदल सकते हैं।- महात्मा गांधी

जीवन का महत्व तभी है जब वह किसी महान ध्येय के लिए समर्पित हो। यह समर्पण ज्ञान और न्याययुक्त हो।- इंदिरा गांधी

तलवार ही सब कुछ है, उसके बिना न मनुष्य अपनी रक्षा कर सकता है और न निर्बल की।- गुरु गोविंद सिंह

जय उसी की होती है जो अपने को संकट में डालकर कार्य संपन्न करते हैं। जय कायरों की कभी नहीं होती।- जवाहरलाल नेहरू

कवि और चित्रकार में भेद है। कवि अपने स्वर में और चित्रकार अपनी रेखा में जीवन के तत्व और सौंदर्य का रंग भरता है।-डॉ. रामकुमार वर्मा

मनुष्य क्रोध को प्रेम से, पाप को सदाचार से लोभ को दान से और झूठ को सत्य से जीत सकता है।- गौतम बुद्ध

स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है! - लोकमान्य तिलक

सच्चे साहित्य का निर्माण एकांत चिंतन और एकांत साधना में होता है।- अनंत गोपाल शेवडे

कुटिल लोगों के प्रति सरल व्यवहार अच्छी नीति नहीं।- श्री हर्ष
अनुभव, ज्ञान उन्मेष और वयस् मनुष्य के विचारों को बदलते हैं।- हरिऔध

जो अपने ऊपर विजय प्राप्त करता है वही सबसे बड़ा विजयी हैं।- गौतम बुद्ध

अधिक अनुभव, अधिक सहनशीलता और अधिक अध्ययन यही विद्वत्ता के तीन महास्तंभ हैं।- अज्ञात

जो दीपक को अपने पीछे रखते हैं वे अपने मार्ग में अपनी ही छाया डालते हैं।- रवींद्र

जहाँ प्रकाश रहता है वहाँ अंधकार कभी नहीं रह सकता।- माघ्र

मनुष्य का जीवन एक महानदी की भाँति है जो अपने बहाव द्वारा नवीन दिशाओं में राह बना लेती है।- रवींद्रनाथ ठाकुर

प्रत्येक बालक यह संदेश लेकर आता है कि ईश्वर अभी मनुष्यों से निराश नहीं हुआ है।- रवींद्रनाथ ठाकुर

कविता का बाना पहन कर सत्य और भी चमक उठता है।- अज्ञात
हताश न होना सफलता का मूल है और यही परम सुख है। उत्साह मनुष्य को कर्मो में प्रेरित करता है और उत्साह ही कर्म को सफल बनता है।- वाल्मीकि

अनुराग, यौवन, रूप या धन से उत्पन्न नहीं होता। अनुराग, अनुराग से उत्पन्न होता है।- प्रेमचंद

फल के आने से वृक्ष झुक जाते हैं, वर्षा के समय बादल झुक जाते हैं, संपत्ति के समय सज्जन भी नम्र होते हैं। परोपकारियों का स्वभाव ही ऐसा है। - तुलसीदास

प्रकृति, समय और धैर्य ये तीन हर दर्द की दवा हैं।- अज्ञात
कष्ट और विपत्ति मनुष्य को शिक्षा देने वाले श्रेष्ठ गुण हैं। जो साहस के साथ उनका सामना करते हैं, वे विजयी होते हैं। - लोकमान्य तिलक

कविता गाकर रिझाने के लिए नहीं समझ कर खो जाने के लिए है।- रामधारी सिंह दिनकर

विद्वत्ता अच्छे दिनों में आभूषण, विपत्ति में सहायक और बुढ़ापे में संचित धन है।– हितोपदेश

जैसे जल द्वारा अग्नि को शांत किया जाता है वैसे ही ज्ञान के द्वारा मन को शांत रखना चाहिए।– वेदव्यास

पुष्प की सुगंध वायु के विपरीत कभी नहीं जाती लेकिन मानव के सदगुण की महक सब ओर फैल जाती है।- गौतम बुद्ध
कलाकार प्रकृति का प्रेमी है अत: वह उसका दास भी है और स्वामी भी।- रवींद्रनाथ ठाकुर

रंग में वह जादू है जो रंगने वाले, भीगने वाले और देखने वाले तीनों के मन को विभोर कर देता है।- मुक्ता
जो भारी कोलाहल में भी संगीत को सुन सकता है, वह महान उपलब्धि को प्राप्त करता है।- डॉ. विक्रम साराभाई
मनुष्य जितना ज्ञान में घुल गया हो उतना ही कर्म के रंग में रंग जाता है। - विनोबा

लगन और योग्यता एक साथ मिलें तो निश्चय ही एक अद्वितीय रचना का जन्म होता है।- मुक्ता


बिना कारण कलह कर बैठना मूर्ख का लक्षण हैं। इसलिए बुद्धिमत्ता इसी में है कि अपनी हानि सह ले लेकिन विवाद न करें।- हितोपदेश

मुस्कान पाने वाला मालामाल हो जाता है पर देने वाला दरिद्र नहीं होता।- अज्ञात

आलस्य मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है और उद्यम सबसे बड़ा मित्र, जिसके साथ रहने वाला कभी दुखी नहीं होता।- भर्तृहरि

क्रोध ऐसी आँधी है जो विवेक को नष्ट कर देती है।- अज्ञात

चंद्रमा अपना प्रकाश संपूर्ण आकाश में फैलाता है परंतु अपना कलंक अपने ही पास रखता है।- रवींद्र

आपत्तियाँ मनुष्यता की कसौटी हैं। इन पर खरा उतरे बिना कोई भी व्यक्ति सफल नहीं हो सकता।- पं. रामप्रताप त्रिपाठी

मेहनत करने से दरिद्रता नहीं रहती, धर्म करने से पाप नहीं रहता, मौन रहने से कलह नहीं होता और जागते रहने से भय नहीं होता।- चाणक्य

जल में मीन का मौन है, पृथ्वी पर पशुओं का कोलाहल और आकाश में पंछियों का संगीत पर मनुष्य में जल का मौन पृथ्वी का कोलाहल और आकाश का संगीत सबकुछ है।- रवींद्रनाथ ठाकुर

कविता वह सुरंग है जिसमें से गुज़र कर मनुष्य एक विश्व को छोड़ कर दूसरे विश्व में प्रवेश करता है।- रामधारी सिंह दिनकर

चरित्रहीन शिक्षा, मानवता विहीन विज्ञान और नैतिकता विहीन व्यापार ख़तरनाक होते हैं। - साई बाबा

भाग्य के भरोसे बैठे रहने पर भाग्य सोया रहता है पर हिम्मत बाँध कर खड़े होने पर भाग्य भी उठ खड़ा होता है। - अज्ञात

ग़रीबों के समान विनम्र अमीर और अमीरों के समान उदार ग़रीब ईश्वर के प्रिय पात्र होते हैं। - सादी

जिस प्रकार मैले दर्पण में सूरज का प्रतिबिंब नहीं पड़ता उसी प्रकार मलिन अंत:करण में ईश्वर के प्रकाश का प्रतिबिंब नहीं पड़ सकता। - रामकृष्ण परमहंस

मिलने पर मित्र का आदर करो, पीठ पीछे प्रशंसा करो और आवश्यकता के समय उसकी मदद करो। - अज्ञात

जैसे छोटा-सा तिनका हवा का रुख बताता है वैसे ही मामूली घटनाएँ मनुष्य के हृदय की वृत्ति को बताती हैं। - महात्मा गांधी

साँप के दाँत में विष रहता है, मक्खी के सिर में और बिच्छू की पूँछ में किंतु दुर्जन के पूरे शरीर में विष रहता है।- कबीर

देश-प्रेम के दो शब्दों के सामंजस्य में वशीकरण मंत्र है, जादू का सम्मिश्रण है। यह वह कसौटी है जिसपर देश भक्तों की परख होती है।- बलभद्र प्रसाद गुप्त 'रसिक'

सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक बड़ा राष्ट्रीय अपराध है।- स्वामी विवेकानंद

दरिद्र व्यक्ति कुछ वस्तुएँ चाहता है, विलासी बहुत-सी और लालची सभी वस्तुएँ चाहता है।- अज्ञात

भय से ही दुःख आते हैं, भय से ही मृत्यु होती है और भय से ही बुराइयाँ उत्पन्न होती हैं। - विवेकानंद

निराशा के समान दूसरा पाप नहीं। आशा सर्वोत्कृष्ट प्रकाश है तो निराशा घोर अंधकार है।- रश्मिमाला

विश्वास हृदय की वह कलम है जो स्वर्गीय वस्तुओं को चित्रित करती है।- अज्ञात

नाव जल में रहे लेकिन जल नाव में नहीं रहना चाहिए, इसी प्रकार साधक जग में रहे लेकिन जग साधक के मन में नहीं रहना चाहिए।- रामकृष्ण परमहंस

ख़ातिरदारी जैसी चीज़ में मिठास ज़रूर है, पर उसका ढकोसला करने में न तो मिठास है और न स्वाद।– शरतचंद्र

वे ही विजयी हो सकते हैं जिनमें विश्वास है कि वे विजयी होंगे।- अज्ञात

जीवन की जड़ संयम की भूमि में जितनी गहरी जमती है और सदाचार का जितना जल दिया जाता है उतना ही जीवन हरा भरा होता है और उसमें ज्ञान का मधुर फल लगता है।- दीनानाथ दिनेश

जहाँ मूर्ख नहीं पूजे जाते, जहाँ अन्न की सुरक्षा की जाती है और जहाँ परिवार में कलह नहीं होती, वहाँ लक्ष्मी निवास करती है।- अथर्ववेद

उड़ने की अपेक्षा जब हम झुकते हैं तब विवेक के अधिक निकट होते हैं।- अज्ञात

जिसने अकेले रह कर अकेलेपन को जीता उसने सबकुछ जीता। - अज्ञात

अच्छी योजना बनाना बुद्धिमानी का काम है पर उसको ठीक से पूरा करना धैर्य और परिश्रम का।- कहावत

जो पुरुषार्थ नहीं करते उन्हें धन, मित्र, ऐश्वर्य, सुख, स्वास्थ्य, शांति और संतोष प्राप्त नहीं होते।- वेदव्यास

नियम के बिना और अभिमान के साथ किया गया तप व्यर्थ ही होता है।- वेदव्यास

जैसे सूर्योदय के होते ही अंधकार दूर हो जाता है वैसे ही मन की प्रसन्नता से सारी बाधाएँ शांत हो जाती हैं।- अमृतलाल नागर

जैसे उल्लू को सूर्य नहीं दिखाई देता वैसे ही दुष्ट को सौजन्य दिखाई नहीं देता।- स्वामी भजनानंद

लोहा गरम भले ही हो जाए पर हथौड़ा तो ठंडा रह कर ही काम कर सकता है।- सरदार पटेल

एकता का किला सबसे सुदृढ़ होता है। उसके भीतर रह कर कोई भी प्राणी असुरक्षा अनुभव नहीं करता।– अज्ञात

सौभाग्य वीर से डरता है और कायर को डराता है।- अज्ञात

प्रकृति अपरिमित ज्ञान का भंडार है, परंतु उससे लाभ उठाने के लिए अनुभव आवश्यक है। - हरिऔध

प्रकृति अपरिमित ज्ञान का भंडार है, पत्ते-पत्ते में शिक्षापूर्ण पाठ हैं, परंतु उससे लाभ उठाने के लिए अनुभव आवश्यक है। - हरिऔध

जिस मनुष्य में आत्मविश्वास नहीं है वह शक्तिमान हो कर भी कायर है और पंडित होकर भी मूर्ख है।- राम प्रताप त्रिपाठी

मन एक भीरु शत्रु है जो सदैव पीठ के पीछे से वार करता है।– प्रेमचंद

असत्य फूस के ढेर की तरह है। सत्य की एक चिनगारी भी उसे भस्म कर देती है। - हरिभाऊ उपाध्याय

समय परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप में दिखाती है, धन के रूप में नहीं।- रवींद्रनाथ ठाकुर

संतोष का वृक्ष कड़वा है लेकिन इस पर लगने वाला फल मीठा होता है।- स्वामी शिवानंद

विचारकों को जो चीज़ आज स्पष्ट दीखती है दुनिया उस पर कल अमल करती है। - विनोबा

विश्वविद्यालय महापुरुषों के निर्माण के कारख़ाने हैं और अध्यापक उन्हें बनाने वाले कारीगर हैं।– रवींद्र

हज़ार योद्धाओं पर विजय पाना आसान है, लेकिन जो अपने ऊपर विजय पाता है वही सच्चा विजयी है।- गौतम बुद्ध

जबतक भारत का राजकाज अपनी भाषा में नहीं चलेगा तबतक हम यह नहीं कह सकते कि देश में स्वराज है।- मोरारजी देसाई

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