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गुरुवार, मई 20

अकेलापन पर अपना अपना नजरिया है ...

पूरे देश भर में देशव्यापी महामारी करोना नामक वायरस चल रहा है और इन सब के बीच डॉक्टर, मोटिवेशन इने आप जहां कहीं भी सुनेंगे सब आप को अकेला रहने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि इस बीमारी का एक ही समाधान है जब तक आप अकेले रहेंगे आप स्वस्थ रहेंगे ठीक रहेंगे अब करोना नामक बीमारी से बचे रहेंगे। मैं सच कहूं तो अपनी लाइफ में पहली बार किसी बीमारी से इतना डरा हुआ हूं इस डर के पीछे बहुत से कारण है डर अपने जीवन का नहीं है अपनों के जीवन का है और डर होना भी जरूरी है। 

 मैं भी आज का अकेला रह कर इस बीमारी से लड़ने का प्रयास कर रहा हूं। परिवारिक सदस्यों के साथ यह मेरा अब तक का सबसे अलग तरह का अनुभव है और चाहूंगा कि भविष्य में ऐसा अनुभव मुझे फिर कभी ना करना पड़े और मैं आज अपने उसी अनुभव को आप लोगों के बीच शेयर कर रहा हूं। 

अकेले अर्थात अपने अंदर एक यात्रा तय करना उस यात्रा में मार्ग भी आप ही हो और यात्री भी आप ही हो वह यात्रा स्वयं को जानने की इस यात्रा में आपको किसी सारथी की जरूरत नहीं पड़ेगी क्योंकि यह यात्रा अकेलेपन से शुरू हुई थी और एकांत में तय कर रही है जब आप अकेले यात्रा शुरू करते हैं बहुत कुछ कष्ट देता है मगर जब यह यात्रा एकांत ओर बढ़ने लगती है तो वहां किसी सारथी आवश्यकता छीण हो जाएगी। यह कहे कि उनकी जरूरत ही महसूस नहीं होती है। 

प्रेम एक नशा है जो स्वयं के भीतर ही जागृत होता है अगर आप इससे बेखबर हैं तो आप जीवन में अकेले हैं अगर इसकी आपको खबर है तो आप अकेले होकर भी अकेले नहीं अर्थात स्वयं से जुदा रहना ही अकेलापन है संसार में तो सभी अकेले पैदा होते हैं और अकेले ही चले जाते हैं ? फिर किस बात की चिंता क्या करने की वह हमें छोड़ कर चला गया। मैंने प्रेम में दीवाने कईयों के साथ रहा हूं क्योंकि छात्र जीवन से अनुभव करता आया हूं और आज एक प्राइवेट कंपनी में जॉब कर रहा हूं तो मैंने बहुत ऐसे युवक-युवतियों से मिला और उन्होंने हमें बताया कि अब मैं उसके बिना जी नहीं सकता या जी नहीं पाऊंगी अरे भाई 2 दिन के प्यार के लिए अपना जीवन का बलिदान देना चाहते हो ऐसा मत कीजिए क्योंकि यह कुछ समय का एक आकर्षण होता है और जब आकर्षण किसी के बीच खत्म हो जाता है लोग हमें छोड़ कर चले जाते हैं यहां हम उनको छोड़ देते हैं और यह जीवन यात्रा है इसलिए मेरी नजर में प्रेम भी एक नशा है करो मगर सोच समझकर।

 अकेले रहना अपने में ही खुश रहना भी एक नशा ही है बशर्ते उसे समझने वाला चाहिए जिसने समझ लिया वह खुश रहेगा । किसी का साथ जिंदगी भर नहीं रहता आखिर जाना भी अकेले ही है तो अकेले में जीने में क्या कमी है इसलिए खुश रहिए जब तक साथ मिले तब तक तो अच्छे से रहिए यही कहना है मुझे....  अकेलापन भी एक नशा है और आजकल मैं उसी नशे में जी रहा हूं। 

 अपना अपना नजरिया है अकेलापन किसी के लिए नशा, किसी के लिए मजा और किसी के लिए सजा आप कमेंट करके बताइए आपके लिए क्या है अकेलेपन के मायने...

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित (एसएस सीरीज 3)

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