आज का विचार
एक मुद्दत से आरजू थी फुर्सत की ....
मुझे फुर्सत मिली भी इस शर्त पर कि
किसी से ना मिलु.....
कोरोना वायरस के प्रसार रोके घर पर रहें सुरक्षित रहें सुगना फाउण्डेशन परिवार
[hi="yellow"] टिप्पणी के कुछ हिस्से को हाईलाईट करने के लिए ये कोड [/hi]
आप उपरोक्त सभी प्रकार के उदाहरण देखने के लिए यहाँ पर कलिक करें |
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल गुरुवार (08-04-2020) को "मातृभू को शीश नवायें" ( चर्चा अंक-3665) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
👏👏👏👏
हटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री के हमारी पोस्ट को शामिल करने के लिए
हटाएंहनुमान जंयती के शुभ पर्व की अनेकानेक मंगलकामनाएं
जवाब देंहटाएंआपको भी बहुत-बहुत मंगल कामनाएं
हटाएंआपके द्वारा रचित रचना बहुत ही अद्भुत है लोगो द्वारा बहुत ही पसंद की जा रही है आपको बहुत शुभकामनाए
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