आज का अनमोल वचन उपन्यास सम्राट प्रेमचंदजी की 131वीं जयंती पर विशेष
"नारी सब कुछ सह सकती है, दारुण से दारुण दुःख,
बड़े से बड़ा संकट
नहीं सह सकती तो अपनी उमंगो का कुचला जाना!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"यदि झूठ बोलने से किसी कि जान बचाती है तो बह झूठ पाप
नहीं पुण्य है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
प्रेमचंदजी पर जारी डाक टिकट |
"निराशा में प्रतीक्षा अंधे की लाठी है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"नशे की हालत में क्रोध की भांति, ग्लानी
का वेग भी सहज ही बढ़ जाता है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग
से
प्राप्त होता है"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"अन्याय को मिटाओ लेकिन अपने आप को मिटाकर
नहीं!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"उधार वह मेहमान
है जो एक बार आने के बाद जाने का नाम नहीं लेता!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"उपकार के लिए अगर कुछ जाल भी करना पड़े तो उससे
आत्मा की
हत्या नहीं होती!"
मुंशी प्रेमचंदजी
**********
"अपमान का दर कानून के दर से किसी तरह कम
क्रियाशील नहीं होता!"
मुंशी प्रेमचंदजी