सवागत है

आपका "आज का आगरा" ब्लॉग पर सवागत है यह ब्लॉग मेरे मम्मी-पापा को समर्पित!..."वन्दे मातरम्" .सवाई सिंह

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गुरुवार, दिसंबर 12

यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।

 ।!आज का सुविचार!।

दूसरे व्यक्ति को उसके दुख से बाहर निकालने से बड़ा और बेहतर कोई काम नही! दुनिया में आने वाले सभी अवतार/ सन्त महात्मा ने यही किया!

आप देख महावीर से लेकर गौतम बुध्द तक, जिसे भी जीवन में सत्य का थोड़ा-बहुत भान हुआ, उसने दूसरे को दुख से बाहर निकालने में सहायक बनने को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य बनाया! इससे समझे की दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति बनने में व सुख नहीं, जो दस लोगों के दुखों को दूर करने का माध्यम बनने में है! यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।

अगर किसी को अपने कार्य के साथ-साथ योग, प्राकृतिक चिकित्सा, एक्यूप्रेशर एक्यूपंक्चर सुजोक कलर चिकित्सा रेकी प्राणीग़हीलिंग और प्राकृतिक चिकित्सकों के अन्य विधाओं के साथ-साथ अपने ज्ञान बढ़ाए। भारत में कोर्स डिप्लोमा सर्टिफिकेट या डिग्री करनी हो तो आप हमें हमारे इस नंबर 9219666141 पर संपर्क कर सकते हैं या हमारी वेबसाइट पर विजिट सकते हैं  hamsinstitute.com

बुधवार, दिसंबर 11

ख़ुद में निवेश कीजिए...

 ख़ुद में निवेश कीजिए

लौंग टर्म में वही फ़ायदा देगा…

बाहर सब रिश्ते

"सब्जेक्ट टू मार्केट रिस्क है"

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जो आपको नहीं समझते है

 उन्हें बिल्कुल भी मत समझाइए... 

समुद्र खारा है खारा ही रहेगा उसमें शक्कर मत मिलाइये। 

सोमवार, दिसंबर 9

संगत सुधारिए जीवन सुधारिए

 गरीब आदमी जमीन पर बैठ जाये तो वो जगह उसकी औकात कहलाती है और अगर कोई धनवान आदमी जमीन पर बैठ जाए तो

ये उसका बड़प्पन कहलाता है।


पानी की बूंद अगर तवे पर गिरती है तो गायब हो जाती है 

पानी की बूंद अगर कमल के पत्ते पर गिरती है तो मोती की तरह चमकने लगती है और 

अगर पानी की बूंद सीप में गिर जाए तो ख़ुद मोती बन जाती है 

पानी की बूंद वही है फर्क सिर्फ़ संगत का है ।

संगत सुधारिए जीवन सुधारिए 
 भगवान की कृपा हम सभी पर सदैव बनी रहे ।

शनिवार, दिसंबर 7

आज की दुनिया का सच

आज की दुनिया का सच- 

(Aaj Ki Duniya Ka Kadva sach)

अपनी कीमत बता ना पाया तो सच अकेला रह गया बिकने को जब राजी हुआ झूठ तो फूलों में तोला गया !

  साथ ही-

आप की खुशियों में वो लोग शामिल होते हैं

जिन्हें "आप" चाहते हैं..

 आपके दु:ख में वो लोग शामिल होते हैं,

जो "आपको " चाहते हैं। 

बुधवार, अक्टूबर 23

माता पिता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म होता है.

अगर हर लड़की अपने सास को अपनी माँ समझें और हर सास अपनी बहू को बेटी समझे तो परिवार मैं कभी कोई लड़ाई झगड़े नही होंगे और हमें अपने माता पिता का आदर हमेशा करना चाहिये। 

 सभी बहू और सांसों को समझना चाहिए आपस में मिल जुल कर रहना चाहिए एक दूसरे की मदद करनी चाहिए मदद करने से ही भगवान घर में विराजमान रहते हैं और सभी दुखों का निवारण भी हो जाता है कष्ट मिट जाते हैं ऐसा नहीं कि सास को बहू गाली दे से बाहर निकाले घर से पहले सबसे पहले खाना सास को ही देना चाहिए क्योंकि अपने पति को उसी ने जन्म देकर के पाला पोसा करके अपने हवाले करते हैं तो उसका यह अदा यह नहीं कि उसका अनादर करें माता पिता ही भगवान होते हैं और माता पिता की सेवा करना ही सबसे बड़ा धर्म होता है और कर्म जैसे कर्म करोगे वैसा ही तो आपको फल मिलेगा माता पिता से बड़ा और कोई धरती पर धरती पर नहीं है। 

इसलिए मैं आप सभी से निवेदन करना चाहूंगा कि आप सभी अपने माता-पिता और सास ससुर की सेवा अवश्य करें क्योंकि माता-पिता की सेवा करने से भगवान भी प्रसन्न होते हैं 

मंगलवार, अक्टूबर 22

हम जितना सोचते हैं, उतना अगर काम करने लग जाए तो ...

 आज का सुविचार

आज के टाइम में सब लोग सपने बहुत देखते हैं लेकिन उन सपनों को प्राप्त करने के लिए कार्य कोई नहीं करना चाहता हालांकि सपने देखना कोई बुरी बात नहीं है क्योंकि सपने देखेंगे तभी हम उन्हें पूरा करने की कोशिश करेंगे लेकिन कुछ लोग सपने देखे तो हैं लेकिन प्राप्त करने के लिए कोई प्रयास नहीं करते चाहे उन्हें कोई कितनी बार भी समझ ले जो आपके अपने होंगे वह आपको एक - दो बार तो जरुर समझाएंगे फिर उनको भी लगने लगेगा कि शायद आप कुछ करना नहीं चाहते तो वह भी थक हार कर यह प्रयास करना छोड़ देते हैं।

  सोचना इस दुनिया का सबसे फालतू काम है, क्योंकि यह बैठे -ठाले ही हमें दु:खी उदास अकर्मण्य बना जाता है! जब भी आप देखें कि आप कुछ सोचने जा रहे हैं, कोई काम करने लग जाए ! जो काम आप करेंगे उसमें सफलता जरूर मिलेगी याद रखें कि कर्म ही धर्म है! अपने धर्म का पालन करें, सोचने से बचे और कर्मठ बने ! आनंद और सफलताएं आप पर चारों दिशाओं से बरसने लगेगी। 

गुरुवार, अक्टूबर 10

देश के जाने माने उद्योगपति श्री रतन टाटा जी को सादर श्रद्धांजलि

 भारत के प्रसिद्ध उद्योगपति श्री रतन टाटा जी के निधन का अत्यंत दुखद समाचार प्राप्त हुआजानकर बहुत दुख हुआ उन्होंने देश की औद्योगिक प्रगति और सामाजिक विकास के लिए अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उनका दृष्टिकोण, समर्पण और व्यावसायिक कुशलता न केवल टाटा समूह को नई ऊँचाइयों तक ले गई, बल्कि भारत के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया।

उन्होंने रोजगार सृजन, समाज के सशक्तिकरण और नवाचार के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किया। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। उनका जन्म 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में हुआ था। भारत के दिग्‍गज उद्योगपति रतन टाटा पिछले कुछ दिनों से वो बीमार चल रहे थे। उनका निधन बुधवार देर शाम मुंबई के ब्रीच कैंडी हॉस्पिटल में हो गया।

 परमपिता परमात्मा से प्रार्थना करते है कि आदरणीय श्री रतन टाटा जी की पुण्य आत्मा को ईश्वर अपने श्रीचरणों में स्थान दें तथा शोक-संतप्त परिवार को ईश्वर धैर्य प्रदान करें। ॐ शान्ति शान्ति शान्ति 💐 सादर श्रद्धांजलि अर्पित करता है 💐🙏🏻🙏🏻🙏🏻 🙏 टीम सुगना फाउंडेशन और राजपुरोहित समाज इंडिया

चलते-चलते कुछ अनमोल विचार आदरणीय श्री रतन टाटा जी 

श्री रतन टाटा एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया में उद्यमिता और मानवीय मूल्यों की एक नई परिभाषा स्थापित की है। उनके विचार हमेशा प्रेरणादायक रहे हैं और युवाओं के लिए एक आदर्श हैं।

कड़ी मेहनत और लगन: रतन टाटा का मानना है कि सफलता का कोई शॉर्टकट नहीं है। कड़ी मेहनत और लगन ही सफलता का मूल मंत्र है।

 नवाचार: वे हमेशा नए विचारों और तकनीकों को अपनाने के पक्ष में रहे हैं।

  मानवीय मूल्य: रतन टाटा के लिए मानवीय मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं। वे हमेशा समाज के विकास के लिए काम करते रहे हैं।

  सकारात्मक सोच: मुश्किल परिस्थितियों में भी रतन टाटा सकारात्मक सोच रखते हैं।

  दूसरों की मदद: वे हमेशा दूसरों की मदद करने के लिए तैयार रहते हैं। 

शनिवार, अक्टूबर 5

एक स्त्री के पूरे जीवनचक्र का बिम्ब है नवदुर्गा के नौ स्वरूप

सबसे पहले तो आप सभी को नवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं माता रानी आप सभी के मनोकामनाओं को पूर्ण करें ऐसी मंगल कामनाएं

 नवदुर्गा के नौ रूपों में स्त्री जीवन का पूर्ण बिम्ब का स्वरूप है आईए जानते हैं नौ देवियों की अपनी विशेषताएं 

1 जन्म ग्रहण करती हुई कन्या "शैलपुत्री" स्वरूप है।

2 कौमार्य अवस्था तक "ब्रह्मचारिणी" का रूप है।

3 विवाह से पूर्व तक चंद्रमा के समान निर्मल होने से वह "चंद्रघंटा" समान है।

4 नए जीव को जन्म देने के लिए गर्भ धारण करने पर वह "कूष्मांडा" स्वरूप में है।

5 संतान को जन्म देने के बाद वही स्त्री "स्कन्दमाता" हो जाती है।

6 संयम व साधना को धारण करने वाली स्त्री "कात्यायनी" रूप है।

7 अपने संकल्प से पति की अकाल मृत्यु को भी जीत लेने से वह "कालरात्रि" जैसी है।

8 संसार (कुटुंब ही उसके लिए संसार है) का उपकार करने से "महागौरी" हो जाती है।

9 धरती को छोड़कर स्वर्ग प्रयाण करने से पहले संसार में अपनी संतान को सिद्धि (समस्त सुख-संपदा) का आशीर्वाद देने वाली "सिद्धिदात्री" हो जाती है।

 ⚜•━━━॥#सुविचार॥━━━•⚜

खुद को बदलने का आसान तरीका है 
"स्वीकारना"
जिस समय हम गलतियों को स्वीकार लेते हैं
उसी समय "परिवर्तन" प्रारम्भ हो जाता है।

               

रविवार, सितंबर 29

जीवन में कुछ भी स्थाई नहीं है

आज का अनमोल विचार
 सूर्योदय और सूर्यास्त में बताता है कि जीवन
में कुछ भी स्थाई नहीं है, 
इसलिये हमेशा खुश रहें और जीवन में किसी प्रकार की टेंशन चिंता किए बिना एवं 
जीवन की यात्रा का भरपूर आनंद लें। और प्रभु का धन्यवाद करें इस सुंदर जीवन देने के लिए

पूज्य गुरुदेव श्री चेतनानंद जी सरस्वती जी महाराज

SM सीरीज 4 By 
शौर्य प्रताप (सवाई) सिंह राजपुरोहित 

शनिवार, सितंबर 28

हमारा ध्यान ही हमारी दिशा को निश्चित करता है

आज का अनमोल विचार और दिल की बात... 

हमारा ध्यान ही हमारी दिशा को निश्चित करता है। पीछे देखकर आगे की ओर जाने की कोशिश करना नामुमकिन है। ठीक इसी प्रकार हार के बारे में सोचकर जीतने (सफलता) की कोशिश करना नामुमकिन है। इसलिए हम सबको सिर्फ और सिर्फ हमारे टारगेट की तरफ फोकस करने की जरूरत है अगर हम अपने उद्देश्य को एक सही दिशा देंगे और इस दिशा में देखने का प्रयास करेंगे चलने का प्रयास करेंगे तो हमें जीवन में सफलता बहुत जल्दी मिल सकती।


सवाई (शौर्य प्रताप) सिंह राजपुरोहित SM सीरीज 4

गुरुवार, सितंबर 26

सदा शांत और प्रसन्न चित्त रहिए।

आज का अनमोल विचार 

अशांत मन में कभी भी सकारात्मक विचार नहीं आते है, 
एक शांत और स्थिर मन ही हमें सही मार्ग दिखाता है 
इसलिए सदा शांत और प्रसन्न चित्त रहिए।



सोमवार, सितंबर 23

अपनी ग़लितियों को स्वीकार कीजिए

आज का अनमोल विचार

 अपनी ग़लितियों को स्वीकार कीजिए हमेशा ग़लतियों को छुपाते रहने पर आप अपनी विश्वसनीयता को समाप्त कर लेंगे। और विश्वास टूट गया तो रिश्ते भी खत्म हो जाते हैं इसीलिए गलतियों को स्वीकार करना सीखिए।


तन बिगाड़ने वाले भोजन से, मन बिगाड़ने वाले विचारों से और मनोदशा बिगाड़ने वाले इंसान से, सदैव दूर ही रहना चाहिए !!!

बुधवार, अगस्त 21

दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है।

हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो,

और जितना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने आप से हो !!

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दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है। और जो इंसान ये हुनर सीख जाता है, वो कभी भी " दुखी "नही होता। 

लेकिन जब इंसान का स्वार्थ पुरा हो जाता है। तब वह हमसे मिलना तो दुर, हमसे बोलना भी छोड़ देता है।

 

चाहे कितने भी दर्द हो दिल में फिर भी मस्त रहिए मुस्कुराते रहिए अगर एक भी आँसू गिरा तो तमाशा हो जायेगा..


क्योंकि आँसू पोछने वाले तो कम मिलेंगे मगर वजह जानने वालों का तांता लग जायेगा।


गुरुवार, जुलाई 4

किताबें और मां-बाप की बातें जिंदगी में कभी भी धोखा नहीं देती

 आज का अनमोल विचार


किताबें और मां-बाप की बातें जिंदगी में कभी भी धोखा नहीं देती

बिल्कुल सही कहा गया है। माता-पिता की बातें जीवन में कभी धोखा नहीं देतीं। क्योंकि उनके द्वारा दी गई सलाह और मार्गदर्शन हमेशा हमें सही रास्ते पर लाते हैं। और वह हमेशा हमारे अनुभवों, समस्याओं और संघर्षों को समझते हैं और हमें उन्हें पार करने के लिए तैयार करते हैं। उनका साथ हमें हमेशा आत्मविश्वास और स्थिरता देता है, जिससे हम जीवन में आगे बढ़ सकते हैं।

सोमवार, जून 24

सब्र का फल हमेशा मीठा होता है

 अच्छे विचार....

अच्छा समय आज नहीं तो कल आयेगा

क्योंकि सब्र का फल हमेशा मीठा होता है

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समझदार व्यक्ति जब सम्बन्ध निभाना बन्द कर दें तो समझ लीजिए कि उसके आत्मसम्मान को कहीं न कहीं ठेस पहुंँची है !!

घमंड के लिए नहीं बल्कि आत्मसम्मान

के लिए कभी-कभी ज़िंदगी में कुछ लोगों का साथ छोड़ना पड़ता है!


गुरुवार, मार्च 7

सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है

आपका कार्य हो, आपका इरादा मजबूत हो, और आप किसी भी हालत में हार नहीं मानते।"


सफलता का सबसे बड़ा सूत्र है
"निरंतरता"। निरंतरता का मतलब है कि हम अपने लक्ष्यों की ओर प्रत्येक दिन प्रगति करते रहें, चाहे हालात कुछ भी हों। इसके साथ हमें धैर्य, संघर्षशीलता, और संजीवनी शक्ति का सहारा लेना भी महत्वपूर्ण होता है। इसके अलावा, संवेदनशीलता, सहयोग और संवाद में उत्तरदायित्व भी सफलता के महत्वपूर्ण घटक हो सकते हैं। समर्पण और अवसरों को सही समय पर पहचानना।

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