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किसी ने कहा - जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हैं।
बहुत सुंदर जवाब
हवा तो धुप में भी चलती है पर आनंद
छाँव मे बैठ कर मिलता है
वैसे ही भगवान सब तरफ है पर
आनंद मंदिर मे ही आता है।।
आपका दिन मंगलमय हो
सवागत है
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मंगलवार, मई 22
जब हर कण कण मे भगवान है तो तुम मंदिर क्यूँ जाते हैं।
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