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आपका "आज का आगरा" ब्लॉग पर सवागत है यह ब्लॉग मेरे मम्मी-पापा को समर्पित!..."वन्दे मातरम्" .सवाई सिंह

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गुरुवार, जून 30

Active Life: एक दर्द भरी चीत्कार चली गर्दन पर कट्टार,

Active Life: एक दर्द भरी चीत्कार चली गर्दन पर कट्टार,: "एक दर्द भरी चीत्कार चली गर्दन पर कट्टार, दिल न दहला मानवता का देख गौमाता पर वार, जाने क्या हो गया है आज के इस इंसान को, अपनी क्रूर क..."


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जय गौ माता

शुक्रवार, जून 3

सदविचार ही सद्व्यवहार का मूल है।


 अपनी आन्तरिक क्षमताओं का पूरा उपयोग करें तो हम पुरुष से महापुरुष, युगपुरुष, मानव से महामानव बन सकते हैं।

इन्सान का जन्म ही, दर्द एवं पीडा के साथ होता है। अत: जीवन भर जीवन में काँटे रहेंगे। उन काँटों के बीच तुम्हें गुलाब के फूलों की तरह, अपने जीवन-पुष्प को विकसित करना है।

यदि बचपन व माँ की कोख की याद रहे तो हम कभी भी माँ-बाप के क्रतघ्न नहीं हो सकते।  
भगवान सदा हमें हमारी क्षमता, पात्रता व श्रम से अधिक ही प्रदान करते हैं।

भीड में खोया हुआ इंसान खोज लिया जाता है परन्तु विचारों की भीड के बीहड में भटकते हुए इंसान का पूरा जीवन अंधकारमय हो जाता है।

विचार शहादत, 25;ुर्बानी, शक्ति, शौर्य, साहस व स्वाभिमान है। विचार आग व तूफान है साथ ही शान्ति व सन्तुष्टी का पैगाम है।

सदविचार ही सद्व्यवहार का मूल है।

अपवित्र विचारों से एक व्यक्ति को चरित्रहीन बनाया जा सकता है, तो शुध्द सात्विक एवं पवित्र विचारों से उसे संस्कारवान भी बनाया जा सकता है। 

हमारे सुख-दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।
                                    स्वामी रामदेव-

गुरुवार, जून 2

उस व्यक्ति के लिए सभी परिस्थितियां अच्छी हैं

                                                    आज का उद्धरण
उस व्यक्ति के लिए सभी परिस्थितियां अच्छी हैं जो अपने भीतर खुशी संजो कर रखता है” 

                     होरेस फ्रिस्स

बुधवार, जून 1

एक विचार ले लो


एक विचार ले लो। उसी एक विचार के अनुसार अपने जीवन को बनाओ; उसी को सोचो, उसी का स्वप्न देखों उसी पर अवलम्बित रहो। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, स्नायुओं और शरीर के प्रत्येक भाग को उसी विचार से ओत-प्रोत होने दो और दूसरे सब विचारों को अपने से दूर रखो। 
यही सफलता का मार्ग है और यही वह मार्ग हैं, जिसने महान धार्मिक पुरुषों का निर्माण किया हैं।’’


 
स्वामी विवेकानंद


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