सवागत है
फ़ॉलोअर
आप का लोक प्रिय ब्लॉग आज का आगरा अब फेसबुक पर अभी लाइक करे .
गुरुवार, मार्च 31
शनिवार, मार्च 26
बुधवार, मार्च 23
भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु को शत शत नमन...
मंगलवार, मार्च 22
शनिवार, मार्च 19
होली की खुब सारी शुभकामनाये.
“मित्र क्या है? एक आत्मा जो दो शरीरों में निवास करती है.”
अरस्तू
=======**********======
हफ़्तों तक खाते रहो,
गुझिया ले ले स्वाद. मगर कभी मत भूलना नाम भक्त प्रहलाद. =======**********======
इस से पहले होली की शाम हो जाए,
बधाइयों का सिलसिला आम हो जाए, भीड़ मे शामिल हमारा नाम हो जाए क्यू ना होली की अभी से राम राम हो जाए =======**********======
रंग के त्यौहार में
सभी रंगों की हो भरमार
ढेर सारी खुशियों से भरा हो आपका संसार
यही दुआ है हमारी भगवान से हर बार।
आपको और आपके परिवार को होली की खुब सारी शुभकामनाये इसी दुआ के साथ आपके व आपके परिवार के साथ सभी के लिए सुखदायक, मंगलकारी व आन्नददायक हो। आपकी सारी इच्छाएं पूर्ण हो व सपनों को साकार करें। आप जिस भी क्षेत्र में कदम बढ़ाएं, सफलता आपके कदम चूम......
होली की खुब सारी शुभकामनाये........ सुगना फाऊंडेशन-मेघ्लासिया जोधपुर ,"एक्टिवे लाइफ" और "आज का आगरा" बलोग की ओर होली की खुब सारी हार्दिक शुभकामनाएँ.. समय मिले तो ये पोस्ट जरूर देखें. "गौ ह्त्या के चंद कारण और हमारे जीवन में भूमिका!" लिक http://sawaisinghrajprohit.
आपका कीमती सुझाव और मार्गदर्शन अगली पोस्ट को और अच्छा बनाने में
मेरी मदद करेंगे! धन्यवाद…..
आपका सवाई सिंह |
---|
बुधवार, मार्च 16
सोमवार, मार्च 14
रविवार, मार्च 13
मंगलवार, मार्च 8
सुगना फाऊंडेशन की ओर समस्त महिला ब्लोगर्स को बहुत -बहुत शुभ कामनाए
आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के महत्वपूर्ण दिन अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को सुगना फाऊंडेशन जोधपुर की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. बेटी बनकर आई हूं मैं मां बाप के जीवन में, बसेरा होगा मेरा किसी और के आंगन में। क्यों यह रीत भगवान ने बनाई होगी, कहते हैं आज नहीं तो कल तू परायी होगी। क्यों रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है, क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है।’’ "हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट" के द्वारा इनकी "प्रथम पुण्य तिथि सन् 2009 पर "सुगना फाउंड़ेशन "मेघालासिया" की स्थापना कि गई बाकी जो कारया आप करना चाहती थी उन कार्यो को अब "सुगना फाउंड़ेशन" का हर सदस्य एंव कार्यकर्ता करे! इसी उद्देश्य से स्थापना की गई है ! आज "सुगना फाउंड़ेशन" ने सामाजिक उत्थान के कारया के साथ साथ " ग्रामीण विकास के लिए कई कारया करने की योजना बनाई है ! इसके तहत ग्रामीण विद्यार्थियो के लिए ज्ञान प्रसार की पवित्र भावना से निः शुल्क स्टेशनरी सामग्री का प्रबंध एंव समाज में जो विशेष योगदान करने वालो को सम्मानित एंव उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है ! इनकी द्वितीय पुण्य तिथि सन् 2010 में आयोजित कार्यक्रम "श्री बाबा रामदेव जी महाराज" के जन्म महोत्सव पर पैदल यात्रियो के लिए फलाहार एंव मेडिकल सेवाएँ कई विद्यार्थियो तथा अन्य लोगो को सम्मानित किया गया ! इनके "सुगना शिक्षा पुरूस्कार" शामिल थे!
स्व० "श्रीमती सुगना कंवर" के जीवन पर एक नज़र
"जीवन का लक्ष्य था समाज की सेवा"
"स्व० श्रीमति सुगना राजपुरोहित" एक नज़र मे तो एक सामान्य नारी की भाँति नज़र आती है ! लेकिन यह सोच इनकी जीवन शैली पढ़कर बदल जाएगी इन्होने अपने जीवन में तूफ़ानी झंझावतों को झेलकर,आँधियों को मोड़ कर, अंधकार को चीरकार, परेशानियो को मसलकर एक नई राह बनाई और परिवार के साथ-साथ समाज सेवा में भी नाम रोशन किया! इनका जन्म जोधपुर के एक छोटे से गाँव "कनोडीया" में सन् "जुलाई 1960 ई० मे (वि० स० 2017) लगभग में हुआ था! इनके पिता का नाम "स्व० श्री कौशल सिहं सेवड़" एक ज़मींदार किसान थे ! इनकी माता का नाम "स्व० श्रीमति मैंना देवी था ! माता पिता दोनो से सुगना कंवर उर्फ रत्न कंवर काफ़ी प्रभावित थी!
इनको अपना आदर्श मानती थी ! छ: भाई बहनो मे सुगना कंवर उर्फ रत्न कंवर सबसे छोटी थी इसलिए सबसे लाडली थी तथा इनके बड़े भाई "श्री भंवर सिह" (पूर्व एम० टी० ओफिसर आर० ए० सी० पुलिस राजस्थान) इनको प्यार से बाया बाई-सा" कहते थे ! इनके समय मे गाँव मे लड़कियों को नहीं पढ़ाया जाता था!
इनकी शिक्षा बड़े भाई के द्वारा घर पर हुई थी, इनके पिता "स्व० श्री ठा० कौशल सिंह" ने अपनी पुत्री को सदैव सत् संस्कार तथा समाज़ सेवा की सीख दी, साथ ही प्रभु कृपा से इनमे मानवीय गुण कूट-कूट कर भरे थे!
इनको बचपने से ही धार्मिक विचारो एंव समाज सेवा मे रूचि थी इनके पिता का समाज मे काफ़ी नाम था, इसलिए लोग आज भी उन्हे याद करते हैं , इसलिए इनकी रूचि समाज़ सेवा के प्रति और आकर्षित हुई! इनकी शादी मात्र "16 वर्ष की अल्प आयु" मे श्री बिरम सिंह पुत्र श्रीमान ठा० सुजान सिंह सिया" गाँव "मेघालासिया" जिला "जोधपुर" मे हुआ था ! इनकी माता जी सदैव कहती थी ! हमारी "रत्न" बहुत छोटी है ! लेकिन इन्होने परिवार की ज़िम्मेदारी बहुत जल्दी ही संभाल ली थी ! इनके देवर बहुत छोटे थे ! जिनकी देखभाल (परवरिश) भी इनको ही करनी पड़ती थी क्योंकि इनकी सासू माँ का स्वर्गवास इनकी शादी से कुछ वर्ष पूर्व हुआ था इसलिए अपने तीन देवरो व एक ननद की ज़िम्मेदारी भी इनके कंधो पर थी उन्हे अपने पैरो पर खड़ा किया और इसके लिए इनको काफ़ी संघर्ष का सामना करना पड़ा था ! इनके तीन पुत्र एंव दो पुत्री थी ! जिनकी परवरिश बखूबी पूर्ण की इन्होने कभी हिम्मत नही हारी (जीवन के हर सफ़र में)!
इनकी समाज सेवा मे बचपन से ही नाता रहा है ! इसलिए शादी के बाद भी परिवार की ज़िम्मेदारियों के साथ- साथ समाज़ सेवा में बहुत योगदान दिया था ! इनके सहयोग से आयोजित "प्राक्रतिक चिकित्सा शिविर" कई स्थानो पर सफलता पूर्ण किए गये तथा जिससे प्राक्रतिक चिकित्सा के प्रति लोगो की रूचि बढ़ी तथा इस चिकित्सा पद्धति के लोगो को जागरूक किया तथा ये शिविर आज भी लगाए जाते है यह सब इनके प्रयास से ही संभव हुआ था !
इनके परिवार की गिनती आज "समाज सेवा" परिवरो में होती है ! इन्होने जीवन के अंतिम समय में भी एकता की मिसाल दी थी! इसका ही उदाहरण है कि परिवार से जिन सदस्यो ने आपस मे दूरी बना ली थी! वे फिर से संगठित हो गये परंतु विधि के विधान के अनुसार 48 वर्ष की अवस्था में 1 सितंबर 2008 दिन सोमवार(हिन्दी माह वि० स० 2065 भादवा सुदी द्वितीया में हमें छोड़कर स्वर्गवासी हो गई!
स्व० श्रीमती सुगना कंवर" कहती थी -
जो जीवन दूसरों के काम आए तो उसे ही जीवन कहते हैं जो दूसरो के दुख मे दुखी और सुख मे सुखी होता है उसे इंसानियत कहते है!
किसी ने ठीक कहा है!
यू तो दुनिया में सदा रहने कोई नहीं आता है!
आप जैसे गई इस तरह कोई नहीं जाता है!
इस उपवन् का दायित्व सौंपकर इतनी
जल्दी संसार से कोई नही जाता है!
आभार
हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट
और अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष आज का उद्धरण "नारी से ही पुरुष को विजय मिलती है, फिर जहां मां की प्रेरणा काम करे वहां असंभव कुछ भी नहीं है।" लक्ष्मीनारायण मिश् {हिंदी कवी}
"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को
"अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
********************************************
|
---|
सोमवार, मार्च 7
शनिवार, मार्च 5
गुरुवार, मार्च 3
आज का उद्धरण
"जो लोग आपके बुरे समय में आपका साथ देते हैं और सहयोग करते हैं केवल उन्हें ही यह हक है कि वे आपकेे अच्छे दिनों में भी आपके साथ खुशियों के भागीदार और साथी बन सकें।" चेतन भगत (लेखक) गौ माता की करूँ पुकार सुनिए" वाली पोस्ट पर आपकी प्रतिक्रियाएं जरुर दे प्रतिक्रियाएं देना जारी हैं .... |
---|
बुधवार, मार्च 2
सदस्यता लें
संदेश (Atom)
अपनी टिप्पणी
अपनी टिप्पणी के साथ चित्र भी भेजें
[im] चित्र भेजने के लिए कोड इस प्रकार लिखें [/im]
[ma] टिप्पणी को चलते हुए दिखाएं इस कोड से [/ma]
[co="red"] रंगीन टिप्पणी लिए कोड इस प्रकार लिखें [/co]
[si="5"] टिप्पणी बड़े फाँट साईज में करने के लिए कोड [/si]
[card="yellow"] टिप्पणी की बैकग्राउंड बदलने के लिए कोड [/card]
[im] चित्र भेजने के लिए कोड इस प्रकार लिखें [/im]
[ma] टिप्पणी को चलते हुए दिखाएं इस कोड से [/ma]
[co="red"] रंगीन टिप्पणी लिए कोड इस प्रकार लिखें [/co]
[si="5"] टिप्पणी बड़े फाँट साईज में करने के लिए कोड [/si]
[card="yellow"] टिप्पणी की बैकग्राउंड बदलने के लिए कोड [/card]
[hi="yellow"] टिप्पणी के कुछ हिस्से को हाईलाईट करने के लिए ये कोड [/hi]
आप उपरोक्त सभी प्रकार के उदाहरण देखने के लिए यहाँ पर कलिक करें |