आज का अनमोल वचन उपन्यास सम्राट प्रेमचंदजी की 131वीं जयंती पर विशेष
"नारी सब कुछ सह सकती है, दारुण से दारुण दुःख,
बड़े से बड़ा संकट
नहीं सह सकती तो अपनी उमंगो का कुचला जाना!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"यदि झूठ बोलने से किसी कि जान बचाती है तो बह झूठ पाप
नहीं पुण्य है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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प्रेमचंदजी पर जारी डाक टिकट |
"निराशा में प्रतीक्षा अंधे की लाठी है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
मुंशी प्रेमचंदजी
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"नशे की हालत में क्रोध की भांति, ग्लानी
का वेग भी सहज ही बढ़ जाता है!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"संसार में सबसे बड़ा अधिकार सेवा और त्याग
से
प्राप्त होता है"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"अन्याय को मिटाओ लेकिन अपने आप को मिटाकर
नहीं!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"उधार वह मेहमान
है जो एक बार आने के बाद जाने का नाम नहीं लेता!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"उपकार के लिए अगर कुछ जाल भी करना पड़े तो उससे
आत्मा की
हत्या नहीं होती!"
मुंशी प्रेमचंदजी
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"अपमान का दर कानून के दर से किसी तरह कम
क्रियाशील नहीं होता!"
मुंशी प्रेमचंदजी
बहुत ही सुन्दर लिखा है!
जवाब देंहटाएंमुंशी प्रेमचंदजी जयंती पर बढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंमुंशी प्रेमचंदजी जैसा साहित्यकार आज तक नहीं पैदा हुआ.
जवाब देंहटाएंप्रिय मित्र
जवाब देंहटाएंमेरी नए पोस्ट पर आपका स्वागत है.
कृपया अपनी राय व आलोचना से अवश्य ही अवगत करावे!
आपकी राय , आपके विचार अनमोल हैं इस पोस्ट लिए
http://smshindi-smshindi.blogspot.com/2011/07/blog-post.html
प्रिय सोनू,
जवाब देंहटाएंआपका बहुत बहुत शुक्रिया और आपने समय निकाला बहुत अच्छा लगा
एक बहुत सार्थक प्रयास की अच्छी प्रस्तुत की है आपने...
जवाब देंहटाएंप्रिय सवाई हमेशा की तरह एक बहुत उत्कृष्ट प्रस्तुति...
जवाब देंहटाएंमेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत रोचकता के साथ प्रस्तुत किया है
जवाब देंहटाएंआभार
मुंशी प्रेमचंदजी जयंती पर बढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंआप सब का तहे दिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और टिप्पणियां देने के लिए
जवाब देंहटाएंमुंशी प्रेमचंदजी जयंती पर बढ़िया प्रस्तुति ।
जवाब देंहटाएंRajveer Singhji
जवाब देंहटाएंआपका तहे दिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और टिप्पणियां देने के लिए!!