किसी ने ठीक कहा है!
यू तो दुनिया में सदा रहने कोई नहीं आता है!
आप जैसे गई इस तरह कोई नहीं जाता है!
इस उपवन् का दायित्व सौंपकर इतनी जल्दी संसार से कोई नही जाता है!
यू तो दुनिया में सदा रहने कोई नहीं आता है!
आप जैसे गई इस तरह कोई नहीं जाता है!
इस उपवन् का दायित्व सौंपकर इतनी जल्दी संसार से कोई नही जाता है!
इन्ही शब्दो साथ पूज्य माता जी की 4 वी पुण्य तिथि
पर सादर श्रद्धांजलि
पर सादर श्रद्धांजलि
"माँ की ममता कौन भुला सकता है,
और कौन भुला सकता है वो प्यार,
किस तरह बताए माँ के बिना कैसे जी रहए हम"
मै और मेरा सम्पूर्ण परिवार सुगना फाउंड़ेशन का हर सदस्य श्रद्धा सुमन अर्पित करते है!
सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया का परिचय
ये मेरी माताजी {स्व० श्रीमती सुगना कंवर} धर्मपत्नी श्री बिरम सिंह पुत्र श्रीमान ठा० सुजान सिंह सिया" की याद में बनाया गया है जिनका स्ग्वास 1 सितम्बर 2008{हिन्दी माह वि० स० 2065 भादवा सुदी द्वितीया( बीज) ) हो गया था!
"हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट" के द्वारा इनकी "प्रथम पुण्य तिथि सन् 2009 पर "सुगना फाउंड़ेशन "मेघलासिया" की स्थापना कि गई बाकी जो कार्य माता जी करना चाहती थी उन कार्यो को अब "सुगना फाउंड़ेशन" का हर सदस्य एंव कार्यकर्ता करे! इसी उद्देश्य से स्थापना की गई है !
!!सुगना फाउण्डेशन मेघलासिया जोधपुर का कार्यक्रम!!
जय रामदेव जी लोकदेवता |
सदस्यता आमत्रित है!
अधिक जानकारी के लिए सम्पर्क सुत्र
Miss Santosh Rajpurohit
(President)
Sugana Foundation-Meghlasiya
E -mail: Suganafoundation@gmail.com
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S P Singh (Umead Singh) Siya, AGRA
(Vice President )
Contecnt -09837005816, 09837569924
Email: sp9837005816@gmail.com
If you ever require urgently for our services please contact us at our
Phone :- +91- 9219666141 (Helpline service onlyINDIA )
राजपुरोहित हेलथ केयर सिस्टम्स - आगरा
और
हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट- ओसिया
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और
हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट- ओसिया
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बाबा रामदेवजी का जीवन परिचय
रामदेव जी का जनम राजपूत कुल में हुआ था! इन्हें भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है इनके पिता का नाम अजमालजी , इन्होने ३३ वर्ष की आयु में सन 1459 ई.मे समाधी ली थी! बाबा रामदेव (लोकदेवता) जिसके दर पर हिन्दू-मुसलमान दोनों ही श्रद्धा और आस्था से सिर झुकाते हैं ऐसे देवता हैं बाबा रामदेवरा पोकरण से १३ किलोमीटर दूर जोधपुर से 205 किलोमीटर दूर जैसलमेर मार्ग पर रामदेवरा {रुनेचा} नाम का एक तीर्थस्थान है जहाँ हर वर्ष भादवा सुदी बीज(द्वितीया) से दसम तक मेला भरता है .इस मेले में राजस्थान के ही नहीं देश के कोने-कोने से भी लोग आते हैं अनेक लोग पैदल ही यह यात्रा संपन्न करते हैं .जगह जगह श्रद्धालु यात्रियों के लिए भोजन चाय पानी आदि की व्यवस्था करते हैं शाम होते ही हर थोडी दूर पर बने मंचों पर लोककलाकार भजन एवं नर्त्य प्रस्तुत करते हैं रामदेवजी सभी का उपकार करते थे इनकी निगाह में कोई छोटा बड़ा नहीं हैं मुसलमान उनकी इबादत रामसापीर के रूप में करते हैं बाबा रामदेव जी का परचा बहुत है अगर सच्चे दिल से मांगी हुई हर दुआ कबूल होती है
बोलो रामसा पीर की जय
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रामदेव जी का जनम राजपूत कुल में हुआ था! इन्हें भगवान श्री कृष्ण का अवतार माना जाता है इनके पिता का नाम अजमालजी , इन्होने ३३ वर्ष की आयु में सन 1459 ई.मे समाधी ली थी! बाबा रामदेव (लोकदेवता) जिसके दर पर हिन्दू-मुसलमान दोनों ही श्रद्धा और आस्था से सिर झुकाते हैं ऐसे देवता हैं बाबा रामदेवरा पोकरण से १३ किलोमीटर दूर जोधपुर से 205 किलोमीटर दूर जैसलमेर मार्ग पर रामदेवरा {रुनेचा} नाम का एक तीर्थस्थान है जहाँ हर वर्ष भादवा सुदी बीज(द्वितीया) से दसम तक मेला भरता है .इस मेले में राजस्थान के ही नहीं देश के कोने-कोने से भी लोग आते हैं अनेक लोग पैदल ही यह यात्रा संपन्न करते हैं .जगह जगह श्रद्धालु यात्रियों के लिए भोजन चाय पानी आदि की व्यवस्था करते हैं शाम होते ही हर थोडी दूर पर बने मंचों पर लोककलाकार भजन एवं नर्त्य प्रस्तुत करते हैं रामदेवजी सभी का उपकार करते थे इनकी निगाह में कोई छोटा बड़ा नहीं हैं मुसलमान उनकी इबादत रामसापीर के रूप में करते हैं बाबा रामदेव जी का परचा बहुत है अगर सच्चे दिल से मांगी हुई हर दुआ कबूल होती है
बोलो रामसा पीर की जय
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पूज्य माता जी आज हमारे बीच नहीं हैं
फिर भी उनकी दी हुई शिक्षा और आदर्श हमारा मार्ग दर्शन करती रहेगे!!
माता जी की पुण्य स्मृति को नमन.
जवाब देंहटाएंमाता जी को नमन
जवाब देंहटाएंविनम्र नमन..
जवाब देंहटाएं