मनुष्य जीवन में अगर सबसे कठिन है तो वह है वैराग्य वैराग्य मतलब मोह माया को त्याग कर इन संसारी जीवन से बिल्कुल पर एक अलग दुनिया मैं बस जाना भारत देश साधू सन्यासियों का देश है । हिंदू बौद्ध जैन आदि धर्मों में पर चली शब्दों में से एक है वैराग्य जिसका हम मोटा शब्दों में अर्थ निकाले तो पूरा उन वस्तुओं और कर्मों का त्याग कर देना जिसे हम सामान ले लो पाने की लालसा रखते हैं जब यह सब चीजें छोड़ देते हैं 'वैराग्य', वि+राग से व्युत्पन्न है, जिसका अर्थ राग से विलग होना है।
जीवन में सबसे मुश्किल चीज है, वैराग्य.. और जिसे सच्चा वैराग्य प्राप्त हो जाता है, उसका जीवन धन्य है।
बीकानेर जिले के कपुरीसर गांव के मुरली मनोहर सारस्वत एक अच्छी कंपनी मे जाँब करते थे, लेकिन प्रभु की ऐसी लग्न लगी कि घर परिवार कुटूम्ब कबीले से मोहभंग होकर वैराग्य पथ पर चल पडे, सन्यास ग्रहण के काफी वर्षों बाद अब श्री माधवदास अपनी माँ के हाथो भिक्षा लेने गांव पहुंचे तो समस्त ग्राम वासियो ने पलक पावडें बिछा दिए.......
भिक्षा लेकर विदा होते समय जिस स्कूल मे पढे थे उस स्कूल के बच्चों ने भी अदभुत सम्मान दिया । बहुत ही भव्य रूप से गुरु महाराज का स्वागत किया बहुत ही कठिन है यह वैराग्य जीवन....जय हो सच्चे संतो की , जय हो सनातन धर्म की ...
आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (27-04-2022) को चर्चा मंच "अब गर्मी पर चढ़ी जवानी" (चर्चा अंक 4413) पर भी होगी!
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सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार कर चर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक' --
आपका प्यार और आशीर्वाद ऐसे ही मुझे मिलता रहे आदरणीय शास्त्री जी
हटाएंअच्छा लेख है.
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद अपना प्यार और आशीर्वाद देने के लिए
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