"मैं कहता हूं कि आप अपनी भाषा में बोलें, अपनी भाषा में लिखें।उनको गरज होगी तो वे हमारी बात सुनेंगे। मैं अपनी बात अपनी भाषा में कहूंगा।जिसको गरज होगी वह सुनेगा। आप इस प्रतिज्ञा के साथ काम करेंगे तो हिंदी भाषा का दर्जा बढ़ेगा!"
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"लोग कहते है साधना आखिर साधन ही है , मैं कहना चाहूँगा साधन ही आखिर में सब कुछ है . जैसे हमारे साधन होंगे वैसा ही हमारा साध्य होगा . साध्य और साधन के दोनों को अलग करने वाली कोई दीवाल नहीं है!"
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"यदि भारत के लाखो गावों को जीवित रखना है और यदि उस शांति को प्राप्त करना है जो सारी सभ्यता की बुनियाद में है तो हमें चरखे को सारे हस्त उद्योगों का केंद्र बनाना होगा!"
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बुद्ध ने अपने समस्त भौतिक सुखों का त्याग किया क्योंकि वे संपूर्ण विश्व के साथ यह खुशी बांटना चाहते थे जो मात्र सत्य की खोज में कष्ट भोगने तथा बलिदान देने वालों को ही प्राप्त होती है।
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"मैं कायरता तो किसी हाल में सहन नहीं कर सकता! आप कायरता से मरें इसकी बजाये बहादुरी से प्रहार करते हुए और प्रहार सहते हुए मैं कहीं बेहतर समझूंगा"
सभी अनमोल विचार महात्मा गांधी जी
सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया, एक ब्लॉग सबका ,
"एक्टिवे लाइफ" और "आज का आगरा" ब्लॉग ओर से बापू को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हु !