आज का अनमोल विचार
कोयल अपनी भाषा बोलती है, इसलिये आज़ाद रहती हैं
किंतु तोता दूसरे कि भाषा बोलता है,
इसलिए पिंजरे में जीवन भर गुलाम रहता है
अपनी भाषा, अपने विचार और
“अपने आप” पर विश्वास करें..!
सत्य पर चलने वाले परेशान हो सकता हैं, पराजित नहीं
भाषाओं का अनुवाद हो सकता है…
भावनाओं का नहीं इन्हें समझना पड़ता है।
परिस्थिति बदलना जब मुमकिन ना हो, तो…
मन की स्थिति बदल लीजिए…!
सब कुछ अपने आप ही बदल जाएगा।
आपको और आपके परिवार को मकर संक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं! आशा है कि आप इस मकर संक्रांति और हमेशा पर सौभाग्य और खुशी के साथ रहे हैं!
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 14 जनवरी 2021 को साझा की गई है......... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय जसोदा अग्रवाल जी
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंमकर संक्रान्ति का हार्दिक शुभकामनाएँ।
आदरणीय शास्त्री जी बहुत-बहुत धन्यवाद इस उत्साह वर्धन के लिए और आपको भी मकर सक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं परिवार सहित
हटाएंआदरणीय, आपको भी मकर संक्रान्ति की हार्दिक शुभकामनाएँ 🙏
जवाब देंहटाएंआदरणीय Dr.वर्षा जी आपको भी मकर सक्रांति की बहुत-बहुत बधाइयां
हटाएंसुन्दर रचना।
जवाब देंहटाएंइस उत्साहवर्धन के लिए धन्यवाद आदरणीय शांतनु जी
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