शुक्रवार, अगस्त 5

आज का अनमोल वचन


!!आज का अनमोल वचन!!

 "मानव की बहुमुखी भावनाओं का प्रबल प्रवाह जब रोके नहीं रुकता, तभी वह कला के रूप में फूट पड़ता है!" 
                                            रस्किन                           

9 टिप्‍पणियां:

  1. आदरणीय वीनाजी,

    आदरणीय रेखा जी

    आपका तहेदिल से शुक्रिया मेरे ब्लॉग पे आने के लिए और टिप्पणियां देने के लिए!!

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  2. बहुत सुंदर विचार.आभार.

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  3. आप सब का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!!हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

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  4. आदरणीय श्री दिवस दिनेश गौरजी “आज का आगरा”ब्लॉग परिवार में शामिल होने पर शुक्रिया.और आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा….. सवाई राजपुरोहित

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