"घृणा और प्रेम दोनों अंधे हैं"इन दोनों गुणों का जब आधिक्य होता है तभी अंधापन हावी होता है.शायद वह प्रेम नहीं होता, हवश होती है.
बेहतरीन प्रस्तुति ।
बहुत खूब और बिल्कुल सटीक लिखा है है आपने ! शानदार प्रस्तुती!मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-http://seawave-babli.blogspot.com/http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/
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आप सब का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!!हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
"घृणा और प्रेम दोनों अंधे हैं"
जवाब देंहटाएंइन दोनों गुणों का जब आधिक्य होता है तभी अंधापन हावी होता है.शायद वह प्रेम नहीं होता, हवश होती है.
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जवाब देंहटाएंबहुत खूब और बिल्कुल सटीक लिखा है है आपने ! शानदार प्रस्तुती!
जवाब देंहटाएंमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
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जवाब देंहटाएंआप सब का तहे दिल से बहुत बहुत शुक्रिया जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी!!हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!
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