"सादगी और ईमानदारी" मानवता की सर्वोत्तम और सच्ची परिभाषा मान्य है! हां आज के समय में "न ईशा पीर और न मिला पीर पर पैसा को ही सबसे बड़ा पीर माना जा रहा है, बेरोजगारी, गरीबी और गरीबी की आड़ में मनमानी धांधली कर पैसा कमाया, गाया जा रहा है! कोई सुनने वाला नहीं है! इसीलिए ईमानदारी और सादगी व सच्चाई का जीवन जीना कठिनाइयों भरा है! परंतु आप इस राह को छोड़िएगा मत ईमानदारी और साथ के साथ जीना थोड़ा कठिन जरूर है अपने ही लोग शत्रु बन जाते हैं क्योंकि आप उनको गलत काम करने से रोकते हैं और समय आने पर उनका हिसाब जरूर होगा क्योंकि ऊपर वाले की अदालत हमेशा ऑनलाइन रहती है आपके द्वारा किए गए कार्य आपको ही इस जीवन में भुगतने होंगे। मानता हूं इमानदारी के साथ काम करना थोड़ा मुश्किल जरूर है।
परन्तु ईमानदारी व सादगी का जीवन सुख, शान्ति और सन्तोष मय व्यतीत होता है! दिन और रात सुखमय गुजरते हैं! हां, बेईमानी, बदमाशी, बदनीयत, और मतलबी पसन्द वाले दखल देने से नहीं चूकते हैं। ऐसे ही कथित अवगुणी कष्टकारी एक समय में अपने दुष्कर्मों का परिणाम भोगते तो अवश्य ही है! इसीलिए ईमानदारी एवं सादगी पूर्ण जीवन ही सर्वोत्तम जीवन है! ऐसा मेरा मानना है बाकी ऊपर वाले की लीला है वह जितना हम से करवा दे। मन में बस एक ही आशा है कि कभी किसी के साथ गलत ना करू। अपना काम इमानदारी के साथ करने की तमन्ना रखता हूं पर लोग उस मे रुकावटें डालने का प्रयास करता है। फिर ना चाहते हुए भी सांप जैसा नेचर रखना पड़ता है। शुरुआत आप करो खत्म हम करेंगे।
चलते चलते आज का अनमोल विचार
रात भर गहरी नींद आना इतना आसान नहीं,
उसके लिए दिनभर ईमानदारी से जीना पड़ता है !!
मिलता हूं अपनी एक नई पोस्ट के साथ आपका सवाई सिंह राजपुरोहित (एस.एम सीरीज 3)
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