माँ के बारे में जितना भी कहा जाए कम है! माँ हमारे जीवन में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और माँ और पिताजी दोनों ही हमारे लिए भगवान का रूप हैं! उन्हीं की वजह से हम इस दुनिया में कदम रखें हैं औरजब भी मैं तन्हा महसूस करता हूँ, तब माँ ही है जिसे मैं बहुत याद करता है और माँ की गोद में सर रखने जैसा सुकून और कहीं नहीं मिलता........ सवाई
मैं भी आज मेरी माँ का स्मरण कर रहा हूँ,जो आज हमारे बीच नहीं हैफिर भी उनकी दी हुई शिक्षा और आदर्श हमें मार्ग दर्शन करती हैं !
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!! आज का अनमोल वचन!!
माँ है मंदिर मां तीर्थयात्रा है,
माँ प्रार्थना है, माँ भगवान है,
उसके बिना हम बिना माली के बगीचा हैं!
माँ प्रार्थना है, माँ भगवान है,
उसके बिना हम बिना माली के बगीचा हैं!
{mother is temple mother is pilgrimage,
mother is prayer, mother is god,
without her we are garden without a gardener}
mother is prayer, mother is god,
without her we are garden without a gardener}
संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी
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अगर दुनिया मां नहीं होती तो हम किसी की दया पर
या
किसी की एक अनाथालय में होते !
संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी
साभार- संबोधि टाइम्स,
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माँ पहले आँसू आते थे और तू याद आती थी!
आज तू याद आती हैं और आँसू आते हैं!
आचार्य विजय यशोवर्म सूरि
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शुक्रनीति
आप सभी को सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया,"राजपुरोहित समाज" आज का आगरा और एक्टिवे लाइफ ,एक ब्लॉग सबका ब्लॉग परिवार की तरफ से सभी को मातृदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं..
आपका
सवाई सिंह{आगरा }