किसी की बेटी हमारे घर की बहू है और हमारी बेटी किसी घर की बहू |
हमारी बेटी के पास वही लोटकर जाने वाला है ,जो व्यवहार हम अपनी बहू के साथ करेंगे ||
घर का स्वर्ग क्या है ?
भाई-भाई के बीच और त्याग की भावना |
घर का नरक क्या है ?
मनमुटाव और स्वार्थ की भावना |
मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते है |
जितने परमात्मा की प्रार्थना करने वाले होट |
ये अमृत सन्देश प्रिय दिनेश सिंह राजपुरोहित जी ने भेजे है!
हमारी बेटी के पास वही लोटकर जाने वाला है ,जो व्यवहार हम अपनी बहू के साथ करेंगे ||
घर का स्वर्ग क्या है ?
भाई-भाई के बीच और त्याग की भावना |
घर का नरक क्या है ?
मनमुटाव और स्वार्थ की भावना |
मानवता की सेवा करने वाले हाथ उतने ही धन्य होते है |
जितने परमात्मा की प्रार्थना करने वाले होट |
ये अमृत सन्देश प्रिय दिनेश सिंह राजपुरोहित जी ने भेजे है!
ऐसी बातें ध्यान रहें तो संसार की अधिकांश समस्यायें अपने आप समाप्त हो जायें!
जवाब देंहटाएंआपके स्नेह के लिए आभार साथ ही प्रतिक्रिया हेतु
हटाएंअच्छे विचार केवल वाणी नहीं व्यवहार में भी चाहिए ! वरना पत्थरों पर तो बहुत लिखे रहते है
जवाब देंहटाएंआपके स्नेह के लिए आभार साथ ही प्रतिक्रिया हेतु ...
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