गुरुवार, दिसंबर 12

यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।

 ।!आज का सुविचार!।

दूसरे व्यक्ति को उसके दुख से बाहर निकालने से बड़ा और बेहतर कोई काम नही! दुनिया में आने वाले सभी अवतार/ सन्त महात्मा ने यही किया!

आप देख महावीर से लेकर गौतम बुध्द तक, जिसे भी जीवन में सत्य का थोड़ा-बहुत भान हुआ, उसने दूसरे को दुख से बाहर निकालने में सहायक बनने को अपने जीवन का सबसे बड़ा लक्ष्य बनाया! इससे समझे की दुनिया का सबसे धनी व्यक्ति बनने में व सुख नहीं, जो दस लोगों के दुखों को दूर करने का माध्यम बनने में है! यह सच है कि दीन- हीन में दीनानाथ बचते हैं।

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