बुधवार, अगस्त 21

दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है।

हारना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपनों से हो,

और जितना तब आवश्यक हो जाता है जब लड़ाई अपने आप से हो !!

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दूसरों की ख़ुशी में अपनी ख़ुशी देखना एक बहुत बड़ा हुनर है। और जो इंसान ये हुनर सीख जाता है, वो कभी भी " दुखी "नही होता। 

लेकिन जब इंसान का स्वार्थ पुरा हो जाता है। तब वह हमसे मिलना तो दुर, हमसे बोलना भी छोड़ देता है।

 

चाहे कितने भी दर्द हो दिल में फिर भी मस्त रहिए मुस्कुराते रहिए अगर एक भी आँसू गिरा तो तमाशा हो जायेगा..


क्योंकि आँसू पोछने वाले तो कम मिलेंगे मगर वजह जानने वालों का तांता लग जायेगा।


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