शुक्रवार, अप्रैल 29

आँख बंद कर विश्वास ना करें... सवाई सिंह राजपुरोहित

कुछ दिन जोधपुर के मेरे मित्र डॉ राजेंद्र अरोड़ा ने एक फोटो मेरे साथ शेयर की ..... फोटो देखने के बाद कुछ ख्याल आया कि इस पर पोस्ट लिखी जाए। 
फोटो देखने के बाद आप भी कहेंगे यह तो अपनी मौत को दावत दे रहा है ऐसा ही कुछ हमारे जीवन में भी होता है कई बार हम ऐसे लोगों से पंगा लेने की सोचते हैं जिनके बारे में हमें बिल्कुल भी अनुभव नहीं होता बिना कुछ सोचे समझे किसी और के बहकावे में आकर हम ऐसे छोटे-मोटे कार्य करने की सोच लेते हैं और बाद में जब अंजाम आता है तब कहा जाता है यार उसने मेरे साथ ऐसा कर लिया अरे भाई किसी के साथ कुछ कर रहे हो तो उससे पहले उसके बारे में पूरा इतिहास तो पता करो। क्या पता हम किसके बारे में कुछ गलत सोच रहे हैं वह बंदा बिल्कुल सही हो क्योंकि कई बार आंखों देखा और कानो सुना भी सच नहीं होता। ऐसे कई वाक्य मैंने देखे हैं जिसमें लोगों को बाद में पछताना पड़ा है। ऐसी गलतियां हम करते क्यों हैं सिर्फ और सिर्फ हमें अपनी पोजीशन पर थोड़ा सा घमंड होने लग जाता है कि हम यह कर सकते हैं हम वह कर सकते हैं वास्तविकता में हम कुछ भी नहीं कर सकते हैं कमजोर को डराना तो आम बात है सब लोग करते हैं। कई बार आपने भी देखा होगा सफाई कर्मचारी को हर कोई डांट के चला जाता है और वहीं पर कोई अच्छी पोजीशन पर बैठे व्यक्ति को आप कुछ करके दिखाओ फिर क्या होगा। इसीलिए कभी भी अपने अधिकारों का गलत प्रयोग मत कीजिए ऊपर वाले की दया का इतना भी फायदा मत उठाइए किसी छोटे आदमी को ऊपर वाले से दुआ करनी पड़े.....
इस पोस्ट को मेरा करने का उद्देश्य एक ही है यदि आप कुछ देखें या फिर कुछ सुने तो उस पर आँख बंद कर विश्वास ना करें हो सकता है वह गलत हो बल्कि उसे अपनी परिस्थिति की कसौटी पर जरुर कसे और तब आप जो पायेंगे वही सच और वास्तविक होगी।  
इससे आप उस अवसाद से भी बचंगे जो दूसरों की ओर आँख कान बंद कर देखने और सुनने की वजह से होता है। 
 आप अपनी राय कमेंट बॉक्स में जरूर लिखेगा मिलता हूं किसी अलग टाइटल के साथ और चलते चलते आज का अनमोल विचार

 जिसकी आँखों पर अहंकार का पडदा पडा हो,

उसे ना तो दूसरों के गुण दिखाई देते है और ना ही अपने अवगुण का पता चलता है !!

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 एक छोटी सी चींटी आपके पैर को काट सकती है,

लेकिन आप उसके पैर को नहीं काट सकते है,

इसलिए जिन्दगी में किसी को छोटा ना समझे,

क्यूंकि वह जो कर सकता है शायद आप ना कर पाए !!

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जिसने जैसा सोच लिया उनके लिए हम वैसे ही हैं

 बाकी ऊपरवाला तो जानता ही है हम कैसे हैं।

आपका सवाई सिंह राजपुरोहित एस.एम सीरीज 3

2 टिप्‍पणियां:

  1. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार(३०-०४ -२०२२ ) को
    'मैंने जो बून्द बोई है आशा की' (चर्चा अंक-४४१६)
    पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    सादर

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत-बहुत धन्यवाद मेरी पोस्ट को चर्चा मंच पर शामिल करने के लिए आदरणीय अनीता जी

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