मौत के साये में भी “ज़िंदगी” पल सकती है,
जब तक आपकी ज़िंदगी बाक़ी है,
मौत खुद ज़िंदगी की हिफ़ाज़त कर सकती है।
वाह।
बहुत-बहुत धन्यवाद इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए
बिल्कुल सत्य,ऐसे सत्य समय-समय पर उजागर होते रहते हैं,सादर नमन आपको
बहुत-बहुत धन्यवाद और आभार हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए
वाह।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद इस उत्साहवर्धक प्रतिक्रिया के लिए
हटाएंबिल्कुल सत्य,ऐसे सत्य समय-समय पर उजागर होते रहते हैं,सादर नमन आपको
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद और आभार हमारा मनोबल बढ़ाने के लिए
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