मैं हमेशा हंसने का प्रयास करता हूं चाहे कितना भी व्यस्त हूं पर मैं हंसने की प्रबंधन को अपने जीवन में लाने का प्रयास जरूर करता हूं थोड़ा कठिन जरूर है लेकिन ना मुमकिन नहीं क्योंकि प्रयास करने से हर चीज संभव हो जाती है। आप चाहे जितने भी नकारात्मक क्यों ना हो पर एक प्यारी सी हंसी आपको सकारात्मक बनाने में सक्षम है वह एक पॉजिटिव एनर्जी देती है अपने कार्य को और अच्छा करने के लिए आप हंसे जरूर। जीवन में हंसी है जो आपकी आयु को बढ़ाती है हंसते रहेंगे तो स्वस्थ रहेंगे। जब कभी आप परेशान ज्यादा हो तो छोटे बच्चों के साथ खेले आपकी सारी परेशानी दूर हो जाएगी हंसी अपने आप आ जाएगी।
यह हंसी भी अलग-अलग रूपों में फायदा देती है।
अपने मित्रों को हंसाओ वह और अधिक प्रसन्न होंगे।
अपने दुश्मनों को हंसाओ वह आप से कम घृणा करेगा।
एक अजनबी को हो जाओगे तो वह आप पर भरोसा करेगा।
चलते चलते आज का अनमोल विचार
हँसते हुये चेहरों का अर्थ ये नही कि उनके जीवन मे दुख नहीं है, बल्कि ईश्वर ने उनको परिस्थितियों को सँभालने की क्षमता प्रदान की है। इसलिए जीवन मे ईश्वर के हर फैसले पे खुश रहना चाहिए, क्योकि ईश्वर वो नहीं देता जो हमे अच्छा लगता है बल्कि ईश्वर वो देता हे जो हमारे लिये अच्छा होता है, जीवन मे प्रसन्नता रखना ही ईश्वर की सर्वोपरि भक्ति है!
🏃♂🏃♂ मस्त रहिए व्यस्त रहिए और ☺
इसीलिए कहते हैं लाख दुखों की एक दवा है यह हंसी इसलिए हंसते रहिए मुस्कुराते रहिए
आपका सभी का दिन सुख समृद्धि और शान्ति से भरपूर आनंदमय रहे इसी आशा के साथ ✍ सवाई सिंह राजपुरोहित
SM series 3
बहुत सुन्दर।
जवाब देंहटाएंजीवन में हास्य बहुत जरूरी है।
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय शास्त्री जी अपना प्यार और आशीर्वाद ऐसे ही बनाए
हटाएंहँसना जरूरी है...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर पोस्ट।
बहुत-बहुत धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिए
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (23-3-21) को "सीमित है संसार में, पानी का भण्डार" (चर्चा अंक 4014) पर भी होगी।
आप भी सादर आमंत्रित है।
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कामिनी सिन्हा
बहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय कामिनी जी
हटाएंबहुत ही संपन्न होते हुए अगर आपके पास हंसने या खुश रहने के लिए वक्त नहीं,या आप हंसते ही नहीं,तो आप संपूर्ण नहीं हो सकते, संदेशपूर्ण लेखन के लिए शुभकामनाएं ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय जिज्ञासा जी बहुत-बहुत धन्यवाद इस उत्साहवर्धन के लिए
हटाएंसकारात्मक ऊर्जा लिए सुन्दर पोस्ट ।
जवाब देंहटाएंआदरणीय मीना जी बहुत-बहुत आभार और धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिए
हटाएंवाकई हँसी से बढ़कर कोई दूजी शै नहीं, बापू कहते हैं "हँसी मन की गिरह खोल देती है, मेरे मन की ही नहीं तुम्हारे मन की भी" !
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार आदरणीय अनीता जी
हटाएंसार्थक संदेश देने वाली प्रस्तुति के लिए आपको बधाई। सादर।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत धन्यवाद आदरणीय वीरेंद्र सिंह जी
हटाएंआनंदम् आनंदम् ।
जवाब देंहटाएंबहुत-बहुत आभार और धन्यवाद उत्साहवर्धन के लिए आदरणीय अमृता तन्मय जी
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