शुक्रवार, अक्टूबर 9

मैं तुम्हारे साथ हूं।


 कोई भी इंसान ऐसे ही अपने आप नहीं बदलता जिंदगी में कुछ हादसे हो जाते हैं जो इंसान को बदलने पर मजबूर कर देते हैं। 

जिंदगी में इतने हादसे होने के बाद भी कुछ लोग अपने आप में कोई बदलाव नहीं लाते हैं वह वास्तविकता में सामान्य व्यक्ति नहीं हो सकता और कितना कुछ सहन कर रहा है अपने जीवन काल में जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते आजकल जीवन काल में ऐसा बहुत कुछ देखने को मिल रहा है सिर्फ इतना ही कहूंगा कि इस संकट की घड़ी में कोई एक बार आकर कह दे घबराओ नहीं मैं तुम्हारे साथ हूं। 🐁

दूसरों को सहयोग देना ही,

उन्हें अपना सहयोगी बनाना है !!


8 टिप्‍पणियां:

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    1. आदरणीय शास्त्री जी इस उत्साह वर्धन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शनिवार (१०-१०-२०२०) को 'सबके साथ विकास' (चर्चा अंक-३८५०) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है।
    --
    अनीता सैनी

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद मेरी post को शामिल करने के लिए

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  3. सार्थक, दूसरों को सहयोग देना ही, उन्हें खुद का सहयोगी बनाना है।

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    1. बहुत-बहुत धन्यवाद इस उत्साह वर्धन के लिए

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