🚩"ईश्वर ने हमारे शरीर की रचना कुछ इस प्रकार की है कि ना तो हम अपनी पीठ थपथपा सकते हैं,
और ना ही स्वयं को लात मार सकते हैं।
इसीलिए वास्तविक संतुलन के लिए हमारे जीवन में अच्छे मित्र एवं आलोचकों का होना अति आवश्यक है।"🚩
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