शुक्रवार, मई 3

माँ से बढ़कर दुनिया में न कोई हुआ हे और न कोई होगा।

         इस पूरे संसार में अगर किसी पर लिखने को बोले तो मां से अच्छा कोई शब्द नहीं है मां जिसके आपको 9 महीने गर्भ में रखा यानी कि इस दुनिया में आने से पहले ही आपका संबंध मां के साथ जुड़ा रहा तो फिर इस मां की महिमा कम कैसे हो सकती है मां दुनिया का सबसे छोटा शब्द है लेकिन इसकी महिमा सबसे बड़ी कहते हैं जिसका ऊपर कोई अंत नहीं उसे आसमां कहते हैं जिसका इस धरती पर प्यार अंत नहीं उसे मां कहते हैं इस असीम प्यार के लिए ही मां को जाना जाता है। 

      आज की हमारी विशेष पोस्ट मां को समर्पित है आज के अनमोल विचार मां के चरणों में वंदन करते हुए प्रस्तुत कर रहा हूं मैं अपने पूज्य माता जी स्वर्गीय श्रीमती सुगना राजपुरोहित जी की याद में.....

          "अपनी संतान के लिए माँ कुछ भी कर सकती है।"

 मरने के बहुत रास्ते है पर जन्म लेने के लिए सिर्फ माँ….

      "कभी न उस घर में सूनापन हो, वो जिन घरो में ‎माँ‬ के चरण है।"


"माँ" तो माँ होती हे। माँ से बढ़कर दुनिया में न कोई हुआ हे और न कोई होगा। इसलिए शायद ईश्वर ने भी माँ को दुनिया मे सबसे बड़ा दर्जा दिया है। "माँ-बाप" के चरणों में ही स्वर्ग हे बाकि तो सब बेकार है। "

"लबों पे उसके कभी बदुआ नहीं होती ,बस एक माँ है जो मुझसे खफा नहीं होती।"


 "माँ है मोहब्बत का नाम , माँ को हज़ारों सलाम , कर दे फ़िदा अपनी ज़िन्दगी …आए जो बच्चों का नाम."

माँ तो वो फरिश्ता है जिसकी कोख से जन्म लेने के लिए भगवान् भी तरसते हैं

 जब तक मेरी माँ जिंदा थी मैं बच्चा था…. Miss you mom 🙁



       शत शत नमन "माँ" सादर चरण स्पर्श 🙏
                        

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