रविवार, अगस्त 26

हँसमुख इन्सान से मिलकर हर कोई प्रसन्न होता हैं..

अपने पास कितनी संपत्ति है यह पुछने मे भगवान को कोई रस नही, लेकिन अपनी संपत्ति कि संपत्ति अपनी गुलाम थी इसके बारे मेँ जरुर पुछेगा.


हँस मुख इन्सान  से मिलकर हर कोई प्रसन्न होता हैं!
 कोई भी इंसान न तो मुरझाए हुए फूल पसंद करता हैं,
 नही मुरझाए चेहरे!

संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी

2 टिप्‍पणियां:

  1. निश्चय ही प्रसन्न बदन होना खुश दिल होना प्रभु का प्रसाद है आनुवंशिक दाय है ,संग का रंग है अर्जित संस्कार का शो है .
    कृपया यहाँ भी पधारें -.
    ram ram bhai
    रविवार, 26 अगस्त 2012
    एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
    एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis

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  2. ठिक वैसे जैसे हम सभी आपकी पोस्‍ट का इन्‍तजार करते है और खुश होते है आने पर इसी तरह पोस्‍ट का क्रम जारी रखे
    यूनिक तकनीकी ब्लाग

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