अपने पास कितनी संपत्ति है यह
पुछने मे भगवान को कोई रस नही,
लेकिन अपनी संपत्ति कि संपत्ति अपनी गुलाम थी
इसके बारे मेँ जरुर पुछेगा.
हँस मुख इन्सान से मिलकर हर कोई प्रसन्न होता हैं!
कोई भी इंसान न तो मुरझाए हुए फूल पसंद करता हैं,
नही मुरझाए चेहरे!
संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी
निश्चय ही प्रसन्न बदन होना खुश दिल होना प्रभु का प्रसाद है आनुवंशिक दाय है ,संग का रंग है अर्जित संस्कार का शो है .
जवाब देंहटाएंकृपया यहाँ भी पधारें -.
ram ram bhai
रविवार, 26 अगस्त 2012
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
एक दिशा ओर को रीढ़ का अतिरिक्त झुकाव बोले तो Scoliosis
ठिक वैसे जैसे हम सभी आपकी पोस्ट का इन्तजार करते है और खुश होते है आने पर इसी तरह पोस्ट का क्रम जारी रखे
जवाब देंहटाएंयूनिक तकनीकी ब्लाग