सोमवार, अप्रैल 23

सुबह आँख खुलते ही अपने आप से पूछिए..

सुबह आँख खुलते ही अपने आप से पूछिए
सुखीराम बनना चाहते हो, 
या 
दुखीराम बनना चाहते हो
मन जैसे ही जवाब दे सुखीराम, तो एक पल भी व्यर्थ मत जाने दीजिए!
 हँसिए और खुद को सुखीराम बना लीजिए!
                    संतप्रवर श्री चन्द्रप्रभ जी 
 
सवाई सिंह राजपुरोहित (आगरा)
{सदस्य}
सुगना फाऊंडेशन मेघलासिया जोधपुर
www.rajpurohitsamaj-s.blogspot.in

10 टिप्‍पणियां:

  1. उत्तर
    1. ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे आपका बहुत बहुत शुक्रिया

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  2. सुंदर बात कही/शानदार प्रस्तुती!

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    उत्तर
    1. ब्लॉग पर आकार अपनी राय और प्रोत्साहन दिया है उसके लिए आभारी हूं उम्मीद है आप हमेशा ही उत्साहवर्धन करते रहेंगे आपका बहुत बहुत शुक्रिया

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  3. बेनामी5/07/2012 03:12:00 pm

    ankitanjali.sharma9 ●●●●●●●●●●

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  4. बेनामी5/07/2012 03:13:00 pm

    ankitsharma2096 ●●●●●●●●●●●

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