शुक्रवार, जून 3

सदविचार ही सद्व्यवहार का मूल है।


 अपनी आन्तरिक क्षमताओं का पूरा उपयोग करें तो हम पुरुष से महापुरुष, युगपुरुष, मानव से महामानव बन सकते हैं।

इन्सान का जन्म ही, दर्द एवं पीडा के साथ होता है। अत: जीवन भर जीवन में काँटे रहेंगे। उन काँटों के बीच तुम्हें गुलाब के फूलों की तरह, अपने जीवन-पुष्प को विकसित करना है।

यदि बचपन व माँ की कोख की याद रहे तो हम कभी भी माँ-बाप के क्रतघ्न नहीं हो सकते।  
भगवान सदा हमें हमारी क्षमता, पात्रता व श्रम से अधिक ही प्रदान करते हैं।

भीड में खोया हुआ इंसान खोज लिया जाता है परन्तु विचारों की भीड के बीहड में भटकते हुए इंसान का पूरा जीवन अंधकारमय हो जाता है।

विचार शहादत, 25;ुर्बानी, शक्ति, शौर्य, साहस व स्वाभिमान है। विचार आग व तूफान है साथ ही शान्ति व सन्तुष्टी का पैगाम है।

सदविचार ही सद्व्यवहार का मूल है।

अपवित्र विचारों से एक व्यक्ति को चरित्रहीन बनाया जा सकता है, तो शुध्द सात्विक एवं पवित्र विचारों से उसे संस्कारवान भी बनाया जा सकता है। 

हमारे सुख-दुःख का कारण दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं।
                                    स्वामी रामदेव-

23 टिप्‍पणियां:

  1. अपवित्र विचारों से एक व्यक्ति को चरित्रहीन बनाया जा सकता है, तो शुध्द सात्विक एवं पवित्र विचारों से उसे संस्कारवान भी बनाया जा सकता है baba ramdev ke ye vichar ham sabhi ke liye anukarniy hain.aabhar.

    जवाब देंहटाएं
  2. यदि बचपन व माँ की कोख की याद रहे तो हम कभी भी माँ-बाप के क्रतघ्न नहीं हो सकते।
    bahut sundar sandesh yukt vichar.

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही सुंदर विचार पढ़ने को मिले. आभार.

    जवाब देंहटाएं
  4. बाबा की सीख जीवन में उतारने की ज़रूरत है।

    जवाब देंहटाएं
  5. बहुत सुन्दर विचार..

    जवाब देंहटाएं
  6. बहुत सुन्दर और शानदार विचार पढने को मिले जिसके लिए धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  7. विचार ही हम सभी की जीवन शैली निश्चित करते है.

    जवाब देंहटाएं
  8. आज आपने बाबा राम देव के सद्विचारों को पोस्ट करके बड़ा पुनीत कार्य किया है |

    बाबा जो कहते हैं वही करके दिखा भी रहे हैं.....

    बाबा के भ्रष्टाचार विरोधी सत्याग्रह का दमन करने के लिए सत्ता के डकैतों ने रामलीला मैदान में जो जघन्य कृत्य किया है , वह अति निंदनीय और अक्षम्य है |

    भारतवर्ष को स्वस्थ बनाने का कार्य यदि ...बाबा राम देव , अन्ना हजारे जैसे संत नहीं करेंगे तो क्या देश को लूटने वाले ये तथाकथित नेता करेंगे ?

    जवाब देंहटाएं
  9. बेनामी6/08/2011 09:51:00 am

    बाबा रामदेव के विचार उत्तम हैं. एक जरूरी और सार्थक पोस्ट के लिए आभार!

    जवाब देंहटाएं
  10. हर युग में नैतिकता एवं संस्कार ही शाश्वत होते हैं . इनके बिना मानव कल्याण की कल्पना भी नहीं की जा सकती.

    जवाब देंहटाएं
  11. बाबा रामदेव का अभियान कामयाब हो, आइये दुआ करें.

    जवाब देंहटाएं
  12. बहुत सुन्दर विचार| बाबा रामदेव के विचार उत्तम हैं|

    जवाब देंहटाएं
  13. जीवन को समृद्ध करने वाले ये विचार बहुत ही अच्छे और अनुकरणीय हैं.

    जवाब देंहटाएं
  14. कृपया ब्लॉग की हेडिंग में 'खूबसूरत' की वर्तनी सही कर लें.आप ने ख के साथ छोटे उ की मात्रा लगाई है जो बड़े ऊ की होनी चाहिए.

    जवाब देंहटाएं
  15. विचार तो अच्छे हैं, पर बाबा नहीं। बाबा के कारनामें दुनिया के सामने आ रहे हैं।

    जवाब देंहटाएं
  16. बहुत बहुत शुक्रिया आप सभी का जो आप यहाँ आए और अपनी राय दी,हम आपसे आशा करते है की आप आगे भी अपनी राय से हमे अवगत कराते रहेंगे!

    जवाब देंहटाएं
  17. इस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.

    जवाब देंहटाएं