"दुसरे का अपराध सहनकर अपराधी पर उपकार करना, यह क्षमा का गुण पृथ्वी से सीखना और पृथ्वी पर सदा परोपकार रत रहने वाले पर्वत और वृक्षों से परोपकार की दक्षता लेना" भगवान श्री कृष्ण *********************आदरणीय जगदीशभाई चौधरीजी आपका सुवागत है “आज का आगरा” ब्लॉग परिवार में शामिल होने पर और अगर आप भी “आज का आगरा” ब्लॉग परिवार में शामिल होना चाहते हो तो चट्का लगायें! आपका सवाई सिंह |
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सुप्रभात .....मित्रो
जवाब देंहटाएंरहिमन पानी राखिये, बिन पानी सब सून।
पानी गये न ऊबरे,मोती, मानुष, चून ॥
"भटक रहे हैं प्यासे - प्यासे
पंछी इधर - उधर बौराये
झुलसाने वाली गर्मी से
हैं ये कितने मुरझाये "
"इनका ख़याल रखिये"
सवाई जी आप से अनुरोध है आप इस सन्देश को आगे बडाए
भगवान श्री कृष्ण जी का कथन बिलकुल सही है!
जवाब देंहटाएंye gun to bhagwan me hi ho sakta hai.
जवाब देंहटाएंshama hi sabse bada gun hai .aabhar
जवाब देंहटाएंयह क्षमा का गुण सिर्फ हमारे इंडिया मै ही हो सकता है
जवाब देंहटाएंsahi hai humaari prakrti me hi sab shiksha chipi hai sajhne vaala hona chahiye.bahut uttam vichar ki post ke liye dhanyavaad.
जवाब देंहटाएंआप सबका आभार यही मुझे उत्साहह प्रदान करेगा ...आपका शुक्रिया.
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर कथन....
जवाब देंहटाएंप्रेरक कथन .
जवाब देंहटाएंआप सबका आभार यही मुझे उत्साहह प्रदान करेगा ...आपका शुक्रिया.
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