आज मंगलवार 8 मार्च 2011 के महत्वपूर्ण दिन अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस के मोके पर देश व दुनिया की समस्त महिला ब्लोगर्स को सुगना फाऊंडेशन जोधपुर की ओर हार्दिक शुभकामनाएँ.. बेटी बनकर आई हूं मैं मां बाप के जीवन में, बसेरा होगा मेरा किसी और के आंगन में। क्यों यह रीत भगवान ने बनाई होगी, कहते हैं आज नहीं तो कल तू परायी होगी। क्यों रिश्ता हमारा इतना अजीब होता है, क्या बस यही हम बेटियों का नसीब होता है।’’ "हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट" के द्वारा इनकी "प्रथम पुण्य तिथि सन् 2009 पर "सुगना फाउंड़ेशन "मेघालासिया" की स्थापना कि गई बाकी जो कारया आप करना चाहती थी उन कार्यो को अब "सुगना फाउंड़ेशन" का हर सदस्य एंव कार्यकर्ता करे! इसी उद्देश्य से स्थापना की गई है ! आज "सुगना फाउंड़ेशन" ने सामाजिक उत्थान के कारया के साथ साथ " ग्रामीण विकास के लिए कई कारया करने की योजना बनाई है ! इसके तहत ग्रामीण विद्यार्थियो के लिए ज्ञान प्रसार की पवित्र भावना से निः शुल्क स्टेशनरी सामग्री का प्रबंध एंव समाज में जो विशेष योगदान करने वालो को सम्मानित एंव उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है ! इनकी द्वितीय पुण्य तिथि सन् 2010 में आयोजित कार्यक्रम "श्री बाबा रामदेव जी महाराज" के जन्म महोत्सव पर पैदल यात्रियो के लिए फलाहार एंव मेडिकल सेवाएँ कई विद्यार्थियो तथा अन्य लोगो को सम्मानित किया गया ! इनके "सुगना शिक्षा पुरूस्कार" शामिल थे!
स्व० "श्रीमती सुगना कंवर" के जीवन पर एक नज़र
"जीवन का लक्ष्य था समाज की सेवा"
"स्व० श्रीमति सुगना राजपुरोहित" एक नज़र मे तो एक सामान्य नारी की भाँति नज़र आती है ! लेकिन यह सोच इनकी जीवन शैली पढ़कर बदल जाएगी इन्होने अपने जीवन में तूफ़ानी झंझावतों को झेलकर,आँधियों को मोड़ कर, अंधकार को चीरकार, परेशानियो को मसलकर एक नई राह बनाई और परिवार के साथ-साथ समाज सेवा में भी नाम रोशन किया! इनका जन्म जोधपुर के एक छोटे से गाँव "कनोडीया" में सन् "जुलाई 1960 ई० मे (वि० स० 2017) लगभग में हुआ था! इनके पिता का नाम "स्व० श्री कौशल सिहं सेवड़" एक ज़मींदार किसान थे ! इनकी माता का नाम "स्व० श्रीमति मैंना देवी था ! माता पिता दोनो से सुगना कंवर उर्फ रत्न कंवर काफ़ी प्रभावित थी!
इनको अपना आदर्श मानती थी ! छ: भाई बहनो मे सुगना कंवर उर्फ रत्न कंवर सबसे छोटी थी इसलिए सबसे लाडली थी तथा इनके बड़े भाई "श्री भंवर सिह" (पूर्व एम० टी० ओफिसर आर० ए० सी० पुलिस राजस्थान) इनको प्यार से बाया बाई-सा" कहते थे ! इनके समय मे गाँव मे लड़कियों को नहीं पढ़ाया जाता था!
इनकी शिक्षा बड़े भाई के द्वारा घर पर हुई थी, इनके पिता "स्व० श्री ठा० कौशल सिंह" ने अपनी पुत्री को सदैव सत् संस्कार तथा समाज़ सेवा की सीख दी, साथ ही प्रभु कृपा से इनमे मानवीय गुण कूट-कूट कर भरे थे!
इनको बचपने से ही धार्मिक विचारो एंव समाज सेवा मे रूचि थी इनके पिता का समाज मे काफ़ी नाम था, इसलिए लोग आज भी उन्हे याद करते हैं , इसलिए इनकी रूचि समाज़ सेवा के प्रति और आकर्षित हुई! इनकी शादी मात्र "16 वर्ष की अल्प आयु" मे श्री बिरम सिंह पुत्र श्रीमान ठा० सुजान सिंह सिया" गाँव "मेघालासिया" जिला "जोधपुर" मे हुआ था ! इनकी माता जी सदैव कहती थी ! हमारी "रत्न" बहुत छोटी है ! लेकिन इन्होने परिवार की ज़िम्मेदारी बहुत जल्दी ही संभाल ली थी ! इनके देवर बहुत छोटे थे ! जिनकी देखभाल (परवरिश) भी इनको ही करनी पड़ती थी क्योंकि इनकी सासू माँ का स्वर्गवास इनकी शादी से कुछ वर्ष पूर्व हुआ था इसलिए अपने तीन देवरो व एक ननद की ज़िम्मेदारी भी इनके कंधो पर थी उन्हे अपने पैरो पर खड़ा किया और इसके लिए इनको काफ़ी संघर्ष का सामना करना पड़ा था ! इनके तीन पुत्र एंव दो पुत्री थी ! जिनकी परवरिश बखूबी पूर्ण की इन्होने कभी हिम्मत नही हारी (जीवन के हर सफ़र में)!
इनकी समाज सेवा मे बचपन से ही नाता रहा है ! इसलिए शादी के बाद भी परिवार की ज़िम्मेदारियों के साथ- साथ समाज़ सेवा में बहुत योगदान दिया था ! इनके सहयोग से आयोजित "प्राक्रतिक चिकित्सा शिविर" कई स्थानो पर सफलता पूर्ण किए गये तथा जिससे प्राक्रतिक चिकित्सा के प्रति लोगो की रूचि बढ़ी तथा इस चिकित्सा पद्धति के लोगो को जागरूक किया तथा ये शिविर आज भी लगाए जाते है यह सब इनके प्रयास से ही संभव हुआ था !
इनके परिवार की गिनती आज "समाज सेवा" परिवरो में होती है ! इन्होने जीवन के अंतिम समय में भी एकता की मिसाल दी थी! इसका ही उदाहरण है कि परिवार से जिन सदस्यो ने आपस मे दूरी बना ली थी! वे फिर से संगठित हो गये परंतु विधि के विधान के अनुसार 48 वर्ष की अवस्था में 1 सितंबर 2008 दिन सोमवार(हिन्दी माह वि० स० 2065 भादवा सुदी द्वितीया में हमें छोड़कर स्वर्गवासी हो गई!
स्व० श्रीमती सुगना कंवर" कहती थी -
जो जीवन दूसरों के काम आए तो उसे ही जीवन कहते हैं जो दूसरो के दुख मे दुखी और सुख मे सुखी होता है उसे इंसानियत कहते है!
किसी ने ठीक कहा है!
यू तो दुनिया में सदा रहने कोई नहीं आता है!
आप जैसे गई इस तरह कोई नहीं जाता है!
इस उपवन् का दायित्व सौंपकर इतनी
जल्दी संसार से कोई नही जाता है!
आभार
हैम्स ओसिया इन्स्टिट्यूट
और अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष आज का उद्धरण "नारी से ही पुरुष को विजय मिलती है, फिर जहां मां की प्रेरणा काम करे वहां असंभव कुछ भी नहीं है।" लक्ष्मीनारायण मिश् {हिंदी कवी}
"आज का आगरा" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो और पाठको को
"अन्त रार्ष्ट्रीय महिला दिवस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
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आपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा । ऐसी समाज सेवी महिला को मेरी श्रध्दांजली ।
जवाब देंहटाएंमहिला दिवस के लिये,
पुरुष का अस्तित्व ही नारी से है पर पता नही क्यूं वो यह अक्सर भूला रहता है ।
आदरणीय मर्स. आशा जोगलेकर जी
जवाब देंहटाएंप्रणाम
मैं आपका आभारी हूँ!
आपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएं"समस हिंदी" ब्लॉग की तरफ से सभी मित्रो{महिला } और पाठको को "महिला दिवस" की बहुत बहुत शुभकामनाये !
जवाब देंहटाएं.~~~ महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें .~~~
मेरी नई पोस्ट पर आपका स्वागत है
लिंक है http://smshindi-smshindi.blogspot.com/2011/03/blog-post.html
आपका कीमती सुझाव और मार्गदर्शन अगली पोस्ट को और अच्छा बनाने में मेरी मदद करेंगे . धन्यवाद
आपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंमाता जी परमपिता की छांव में आप शांति के साथ होंगी! मेरा भी नमन स्वीकार करें।
आपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंआपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा|महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
जवाब देंहटाएंआपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर मन श्रद्धानत हो गया....उनकी स्मृति में आप बहुत अच्छा काम कर रहे हैं.....बधाई...
जवाब देंहटाएंसबको मेरी भी शुभकामनायें .....
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छी पोस्ट .... उन्हें मेरा भी नमन ..... सभी को शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंश्रीमति सुगना कंवर जी को नमन !
जवाब देंहटाएंसुगुना फाउंडेशन को बहुत बहुत बधाई।
जवाब देंहटाएंजो जीवन दूसरों के काम आए, उसे ही जीवन कहते हैं, जो दूसरों के दुःख में दुःखी और सुख में सुखी है, उसे ही इंसानियत कहते हैं।
जवाब देंहटाएंसमाज सेवा के लिए समर्पित सुगुना फाउंडेशन को बहुत बहुत बधाई।
आदरणीय सोनुजी
जवाब देंहटाएंयोगेंद्रजी
रजनी मल्होत्रा नैय्यरजी
Patali-The-विल्लगेजी
डॉ.(मिस) शरद सिंह जी
चैतन्य शर्मा जी
डॉ॰ मोनिका शर्माजी
डॉ.दिव्या श्रीवास्तव जी (ज़ाल)
गुर्रमकोंडा नीरजा जी
प्रणाम
आपने अपना कीमती समय "सुगना फाऊंडेशना" को पढ़ने के लिए दिया उसके लिए आपका तहे-दिल से आपका शुक्रिया करता हूँ!
आदरणीय गुर्रमकोंडा नीरजा जी
जवाब देंहटाएंसुगुना फाउंडेशन समाज सेवा को समर्पित है और जो मेरी माताजी स्व० श्रीमती सुगना कंवर राजपुरोहितजी की याद में बनाया गया है ! जो आज सामाजिक उत्थान के कारया के साथ साथ " ग्रामीण विकास के लिए कारया कर रहा है ! इसके तहत ग्रामीण विद्यार्थियो के लिए ज्ञान प्रसार की पवित्र भावना से निः शुल्क स्टेशनरी सामग्री का प्रबंध एंव समाज में जो विशेष योगदान करने वालो को सम्मानित एंव उनको आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत है!और महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनायें|
आपके सहयोग एवं स्नेह का सदैव आकांक्षी रहूँगा!धन्यवाद.......
सुगुना फाउंडेशन को कोटि कोटि धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआपकी माताजी श्रीमति सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा ।
जवाब देंहटाएंmataji ko koti-koti naman.
जवाब देंहटाएंमाँ को श्रद्धांजलि , जानकार अच्छा लगा !
जवाब देंहटाएंआप की माँ बहुत ही कम समय में इस दुनिया से चली गयी , पढ़ कर मन कर ठेस लगा !प्रायः अच्छे लोग इस दुनिया में ज्यादा दिनों तक नहीं रहते !आप अपनी माँ के कार्यो को आगे बढ़ाते रहे, यह एक पुन्य काम है !माँ इस्वर की चैतन्य रूप हैं !बहुत अच्छी बाते आप ने इस लेख में उधृत की है , जो एक अच्छे लोग की पहचान है !आप अपने कार्य को सार्थक रूप देते रहे ...दुनिया जरुर पहचानेगी ! बहुत - बहुत शुभ कामना !
जवाब देंहटाएंआदरणीय जी.ऍन.शव जी
जवाब देंहटाएंनमस्कार
आपका आशीर्वाद मिला! मै तो धन्य हो गया!
मेरी कोशिश रहेगी माताजी की उम्मीदों पर खरा उतरने की और मेरे पोस्ट पर आने और टिप्पणी करने के लिए और अपने विचारों से हमें अवगत कराया इसे के लिए
आपका बहुत-बहुत धन्यवाद और शुक्रिया....
आदरणीय आपकाजी आपका ह्र्दय से बहुत बहुत आभार! धन्यवाद.....
जवाब देंहटाएंआदरणीय सुरेन्द्र सिंहजी
जवाब देंहटाएंआदरणीय सतीश सक्सेनाजी
नमस्कार
आपका शुक्रिया अदा करता हूँ और इसी प्रकार सहयोग देते रहिएगा बहुत बहुत आभार.
माँता जी को श्रद्धांजलि
जवाब देंहटाएंबढ़िया ब्लॉग आपका
जवाब देंहटाएंअच्छे लोगो की तादाद हमेशा कम रही है आपकी माता जी भी हमेशा दुसरो की तरह समाज को जोड़ने का काम किया था!
जवाब देंहटाएंआपकी माताजी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा । ऐसी समाज सेवी माताजी को मेरी श्रध्दांजली!
जवाब देंहटाएंआपकी माताजी सुगना कंवर जी के बारे में जान कर बहुत अच्छा लगा
जवाब देंहटाएंआपका शुक्रिया अदा करता हूँ और इसी प्रकार सहयोग देते रहिएगा बहुत बहुत आभार.
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