शुक्रवार, अक्टूबर 17

तुम जैसे हो, वैसे ही अनमोल हो।

तुम जैसे हो, वैसे ही अनमोल हो।
दुनिया कुछ भी कहे,
अपने वजूद और अपने सामान को कभी मत खोना।
हालात कितनी भी मुश्किल क्यों न हो,
अपनी पहचान, अपनी प्रतिभा और अपने संस्कार को जिंदा दिखाना।
क्योंकि जो खुद पर अडिग रहता है,उसे कोई भी स्थिति हरा नहीं सकती।
जिज्ञासा राजपुरोहित को कृषि विज्ञान में उत्कर्ष प्रदर्शन के लिए गुरुदेव ने किया सम्मानित


मंगलवार, अक्टूबर 7

Har samasya ka toll free number hai pitaji

 परिस्थितियां जितनी ज्यादा आपको तोड़ती है, 

उससे कहीं ज्यादा आपको मजबूत बना देती है...!!



सोमवार, अक्टूबर 6

भगवान शिव जी के 108 मन्त्र Bhagwan Shiv ke 108 Mantra

(1)ऊँ स्थिराय नम:
(2)ऊँ स्थाणवे नम:
(3)ऊँ प्रभवे नम:
(4)ऊँ भीमाय नम:
(5)ऊँ प्रवराय नम:
(6)ऊँ वरदाय नम:
(7)ऊँ वराय नम:
(8)ऊँ सर्वात्मने नम:
(9)ऊँ सर्वविख्याताय नम:
(10)ऊँ सर्वस्मै नम:
(11)ऊँ भवाय नम:
(12)ऊँ जटिने नम:
(13)ऊँ चर्मिणे नम:
(14)ऊँ शिखण्डिने नम:
(15)ऊँ उवांगाय नम:
(16)ऊँ हराय नम:
(17)ऊँ हरिणाक्षाय नम:
(18)ऊँ सर्वभूतहराय नम:
(19)ऊँ नियताय नम:
(20)ऊँ शाश्वताय नम:
(21)ऊँ ध्रुवाय नम:
(22)ऊँ श्मशानवासिने नम:
(23)ऊँ भगवते नम:
(24)ऊँ खेचराय नम:
(25)ऊँ गोचराय नम:
(26)ऊँ अर्दनाय नम:
(27)ऊँ अभिवाद्याय नम:
(28)ऊँ महाकर्मणे नम:
(29)ऊँ तपस्विने नम:
(30)ऊँ भूतभावनाय नम:
(31)ऊँ महारुपाय नम:
(32)ऊँ वृषरुपाय नम:
(33)ऊँ महायशसे नम:
(34)ऊँ महात्मने नम:
(35)ऊँ सर्वभूतात्मने नम:
(36)ऊँ विश्वरुपाय नम:
(37)ऊँ लोकपालाय नम:
(38)ऊँ हयगर्दभये नम:
(39)ऊँ पवित्राय नम:
(40)ऊँ आदिकराय नम:
(41)ऊँ चन्द्राय नम:
(42)ऊँ सूर्याय नम:
(43)ऊँ शनये नम:
(44)ऊँ केतवे नम:
(45)ऊँ ग्रहाय नम:
(46)ऊँ बृहस्पतये नम:
(47)ऊँ अत्रये नम:
(48)ऊँ स्वयंश्रेष्ठाय नम:
(49)ऊँ गन्धधारिणे नम:
(50)ऊँ सर्वशुभकराय नम:
(51)ऊँ गणपतये नम:
(52)ऊँ पशुपतये नम:
(53)ऊँ नीलाय नम:
(54)ऊँ निरवग्रहाय नम:
(55)ऊँ कृष्णवर्णाय नम:
(56)ऊँ महामुखाय नम:
(57)ऊँ महाजटाय नम:
(58)ऊँ सुदर्शनाय नम:
(59)ऊँ महामुनये नम:
(60)ऊँ प्रकाशाय नम:
(61)ऊँ प्रियाय नम:
(62)ऊँ पुष्करस्थपतये नम:
(63)ऊँ यज्ञसमाहिताय नम:
(64)ऊँ भूतवाहनसारथये नम:
(65)ऊँ भस्मभूताय नम:
(66)ऊँ विश्वकर्मपतये नम:
(67)ऊँ उग्राय नम:
(68)ऊँ त्रिशुक्लाय नम:
(69)ऊँ अमरेशाय नम:
(70)ऊँ प्रभावाय नम:
(71)ऊँ चन्द्रवक्त्राय नम:
(72)ऊँ महादेवाय नम:
(73)ऊँ त्रिशकंवे नम:
(74)ऊँ विष्णवे नम:
(75)ऊँ कृष्णपिगंलाय नम:
(76)ऊँ सिंहवाहनाय नम:
(77)ऊँ सर्वभूतवाहित्रे नम:
(78)ऊँ भूतपतये नम:
(79)ऊँ नन्दिकराय नम:
(80)ऊँ नन्दिने नम:
(81)ऊँ वैद्याय नम:
(82)ऊँ अमराय नम:
(83)ऊँ नीरजाय नम:
(84)ऊँ त्रिविक्रमाय नम:
(85)ऊँ सेनापतये नम:
(86)ऊँ चीरवाससे नम:
(87)ऊँ त्रिजटाय नम:
(88)ऊँ नम: शिवाय:
(89)ऊँ रुद्राय नम:
(90)ऊँ नीलकंठाय नम:
(91)ऊँ सोमनाथाय नम:
(92)ऊँ कपर्दिने नम:
(93)ऊँ बृषभध्वजाय नम:
(94)ऊँ सुरेशाय नम:
(95)ऊँ सोमेश्वराय नम:
(96)ऊँ व्यालप्रियायै नम:
(97)ऊँ दिगम्बराय नम:
(98)ऊँ उमाकान्ताय नम:
(99)ऊँ ईशाय नम:
(100)ऊँ जगत्प्रतिष्ठाय नम:
(101)ऊँ अन्धकासुरमर्दिने नम:
(102)ऊँ त्रिनेत्राय नम:
(103)ऊँ विश्वनाथाय नम:
(104)ऊँ श्मशानवासिने नम:
(105)ऊँ गौरीपतये नम:
(106)ऊँ पशुपतिनाथाय नम:
(107)ऊँ लिंगाय नम:
(108)ऊँ मृत्युञ्जय नम:



अगर आपकी जाति की जनसंख्या कम हैं।

अगर आपकी जाति की जनसंख्या कम हैं।

 तो उदास मत होना और अधिक हैं तो उत्साहित मत होना, जाती की हकीकत सिर्फ इतनी हैं,

अगर आप अपनी जाति के सफल व्यक्ति हैं तो आपकी जाति आपके पीछे खड़ी हैं और अगर असफल व्यक्ति हैं तो आप अपनी ही जाति में सबसे पीछे खड़े हैं, 

फिर आपको कोई पूछने वाला नहीं हैं.