गलत और सही किसी को साबित करने की जरूरत ही नहीं है। वैसे भी कोई समझेगा नहीं। इसलिए जो खुद को सही लगे और सुकून के पल दे सके वो सब सही है क्यूंकी अपनी ज़िंदगी में क्या कमी है ये इंसान खुद ही समझता और महसूस करता है। लाख समझाने के बाद भी कोई समझेगा नहीं। इसलिए पहले खुद को जीना चाहिए।